मेरठ का बंदी अंकित बरेली सेंट्रल जेल में फंदे से लटका मिला
प्रशासन में हड़कंप, लापरवाही पर तीन कर्मियों पर कार्रवाई

बरेली। केंद्रीय कारागार बरेली (सेंट्रल जेल-2) में शनिवार को मेरठ का एक बंदी फांसी के फंदे से लटका मिला। मृतक की पहचान 30 वर्षीय अंकित पुत्र अशोक निवासी ग्राम गंगोल, थाना परतापुर, मेरठ के रूप में हुई है। अंकित छेड़खानी के मामले में मेरठ जेल में बंद था और लंबे समय से सजा काट रहा था।
देर रात की घटना
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अंकित ने 29-30 अगस्त की दरमियानी रात करीब 01:55 बजे अपने सेल नंबर-04 में कपड़े से फंदा लगा लिया। ड्यूटी पर मौजूद हेड जेल वार्डर राजेन्द्र सिंह और वार्डर प्रवीन चौधरी ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ देर बाद उसने दोबारा फंदा कस लिया और जान गंवा दी।
लापरवाही आई सामने
जांच में खुलासा हुआ कि सर्वर रूम में तैनात जेल वार्डर राजेश कुमार ने ड्यूटी में लापरवाही की। बंदी द्वारा इस्तेमाल किए गए कपड़े को हटाया नहीं गया और उसकी मानसिक स्थिति की सूचना उच्चाधिकारियों को नहीं दी गई।
अनुशासनहीनता पर कार्रवाई
घटना के बाद जेल प्रशासन ने हेड जेल वार्डर राजेन्द्र सिंह और वार्डर प्रवीन चौधरी को निलंबित कर दिया। वहीं वार्डर राजेश कुमार के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक और विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की गई है। अधिकारियों का कहना है कि यदि ड्यूटी में चूक न होती तो यह आत्महत्या टल सकती थी।
परिजनों के आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के परिजन बरेली पहुंचे। मृतक के चाचा जगस्वरूप, जो बसपा के मंडल अध्यक्ष बताए जाते हैं, ने आरोप लगाया कि अंकित पर छेड़खानी का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मानसिक दबाव में आकर उसने यह कदम उठाया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा
फिलहाल पुलिस ने मामले को आत्महत्या माना है। अधिकारियों ने कहा कि वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा। इस बीच जेल परिसर में घटना से अफरा-तफरी मची रही और अन्य बंदियों में भी चर्चा का माहौल रहा।