अविनाश सिंह बने बरेली के नए जिलाधिकारी, रविन्द्र कुमार नवाचार, पारदर्शिता और मजबूत प्रशासनिक पकड़ के लिए रहेंगे यादगार
बरेली के डीएम रविन्द्र कुमार का तबादला, आजमगढ़ की मिली जिम्मेदारी

बरेली। बरेली के जिलाधिकारी के रूप में करीब 18 महीने और 18 दिन तक सेवा देने वाले आईएएस रविन्द्र कुमार का स्थानांतरण हो गया है। उन्हें अब आजमगढ़ जिले का नया डीएम बनाया गया है। उनकी जगह 2014 बैच के आईएएस अधिकारी अविनाश सिंह को बरेली की कमान सौंपी गई है, जो इससे पहले अंबेडकरनगर के जिलाधिकारी थे ।जनकल्याण और नवाचारों से सजा रहा रविन्द्र कुमार का कार्यकाल
3 अक्टूबर 2023 को बरेली में कार्यभार संभालने वाले डीएम रविन्द्र कुमार ने अपने कार्यकाल में कई अहम पहलों को धरातल पर उतारा।शिकायत निस्तारण में रिकॉर्ड बनाते हुए IGRS पोर्टल पर बरेली को शीर्ष रैंक दिलाई।
जनप्रतिनिधियों से बेहतर तालमेल बनाकर विकास कार्यों में तेज़ी लाई। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड में भी बरेली को प्रदेश में बेहतर रैंक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
‘टेबल बुक’ से बरेली की विरासत को दी डिजिटल पहचान
रविन्द्र कुमार की एक अनूठी पहल रही बरेली की ‘टेबल बुक’, जिसमें जिले के सभी पौराणिक स्थलों को शामिल किया गया।
हर पेज पर QR कोड मौजूद है, जिसे स्कैन कर उस स्थान की पूरी जानकारी डिजिटल रूप में प्राप्त की जा सकती है। यह बुक प्रशासनिक नवाचार का उदाहरण मानी जा रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख, दो अफसरों पर गिरी गाज
सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच कराई और रिपोर्ट के आधार पर दो पीसीएस अफसर — आशीष कुमार और मदन कुमार — को निलंबित कराया गया।
आंवला क्षेत्र के घोटालों पर भी कार्रवाई कर रिपोर्ट शासन को भेजी।
गोसेवा को प्राथमिकता, गौशालाओं के निर्माण में दिखाया संकल्प
मनरेगा बजट के जरिये दर्जनों गौशालाओं का निर्माण कराया। छुट्टा पशुओं को गोशालाओं में भिजवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की।
अब बरेली की कमान अविनाश सिंह के हाथ में
बरेली के नए डीएम अविनाश सिंह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और 2014 बैच के IAS हैं।
नगर आयुक्त समेत कई प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं तजुर्बेकार अफसर।
विकास योजनाओं को समय पर पूरा कराना और गुणवत्ता सुनिश्चित करना इनकी कार्यशैली का प्रमुख हिस्सा रहा है।
बरेली को मिला संवेदनशील और सख्त प्रशासक, आजमगढ़ को नवाचारी अफसर
रविन्द्र कुमार की बरेली से विदाई प्रशासनिक दृष्टि से एक युग का अंत माना जा रहा है। अब उनकी ऊर्जा और नवाचार आजमगढ़ को नई दिशा देंगे, वहीं बरेली को अविनाश सिंह के रूप में एक सशक्त और अनुभवी प्रशासक मिला है।