नवाबगंज पालिका घोटाला: पूर्व चेयरमैन शहला ताहिर की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की रोक
करीब 10.41 करोड़ रुपये के घोटाले में नामजद शहला ताहिर को मिली राहत, जांच में सहयोग करने की शर्त पर कोर्ट का आदेश

बरेली। नवाबगंज नगर पालिका परिषद में करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में फंसीं पूर्व चेयरमैन शहला ताहिर को उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन जांच में पूरा सहयोग करना अनिवार्य कर दिया है।
यह मामला नवाबगंज नगर पालिका में शासनादेशों को ताक पर रखकर बिना टेंडर और कोटेशन के करोड़ों के ठेके आवंटित करने से जुड़ा है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन) लखनऊ सेक्टर के थाने में 20 मार्च 2024 को इस घोटाले की एफआईआर दर्ज की गई थी।
यह प्राथमिकी उपनिरीक्षक सत्यपाल गौड़ ने दर्ज कराई थी, जिसमें शहला ताहिर समेत कुल 16 लोगों को नामजद किया गया था। इन पर आरोप है कि तत्कालीन अधिशासी अधिकारी हीरालाल प्रजापति, हरीलाल राम, नरेन्द्र कुमार जौहरी, राजेश कुमार सक्सेना सहित नगर पालिका कर्मियों और ठेकेदारों के साथ मिलकर एक ही ठेकेदार को बिना टेंडर के काम आवंटित कर दिए गए।
इन कार्यों के नाम पर वित्तीय अनियमितताएं करते हुए करीब 10.41 करोड़ रुपये की राशि सरकारी खातों से सीधे पालिका कर्मियों और ठेकेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई।
हाईकोर्ट का फैसला:
पूर्व चेयरमैन शहला ताहिर ने गिरफ्तारी से राहत पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। उनके अधिवक्ता राजीव गंगवार के मुताबिक, कोर्ट ने सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर अस्थायी रोक लगा दी है। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि शहला ताहिर जांच एजेंसियों को हर संभव सहयोग दें।