अक्षय तृतीया 2025: शुभ अवसर पर क्या खरीदें, कैसे करें जीवन को समृद्ध

अक्षय तृतीया हिंदू धर्म में एक विशेष और शुभ पर्व के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस साल यह पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया के अवसर पर सोने की खरीदारी पारंपरिक रूप से शुभ मानी जाती है, लेकिन वर्तमान महंगाई के दौर में सोने के विकल्प के तौर पर कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें खरीदना न केवल व्यावहारिक है, बल्कि ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से भी शुभ माना गया है।
खरीदारी के लिए विकल्प:
– मिट्टी के बर्तन: मंगल ग्रह को मजबूत करते हैं, कर्ज मुक्ति और शांति प्रदान करते हैं।
– पीली सरसों: दरिद्रता दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
– हल्दी की गांठ: गुरु ग्रह को मजबूत करती है और मान-सम्मान में वृद्धि करती है।
– रूई: शुक्र ग्रह से संबंधित है और माता लक्ष्मी की कृपा दिलाती है।
– कौड़ी:धन, संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
शुभ मुहूर्त और पूजन का महत्व:
– शुभ समय:29 अप्रैल शाम 5:32 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल दोपहर 2:12बजे तक रहेगा।
– पूजा का सर्वोत्तम समय: सुबह 5:41 से दोपहर 12:18तक (कुल अवधि: 6 घंटे 37 मिनट)।
नकारात्मकता से मुक्ति:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पीली सरसों और कौड़ी खरीदने से नकारात्मकता खत्म होती है। साथ ही, **कनकधारा स्तोत्र** का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी है।
दान का महत्व:
अक्षय तृतीया के दिन सफेद चीजों जैसे दही, चावल, दूध, खीर आदि का दान करना शुभ माना गया है। यह जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
अक्षय तृतीया का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन की जाने वाली खरीदारी और दान-पुण्य शुभता और समृद्धि का प्रतीक है।