फर्जी पुलिसकर्मी बनकर चला रहे थे तस्करी का नेटवर्क, पुलिस ने तीन को दबोचा

बरेली। बरेली कोतवाली पुलिस ने स्मैक तस्करों के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो इलाके में खुद को पुलिसकर्मी बताकर मादक पदार्थों की सप्लाई कर रहा था। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 49 ग्राम स्मैक, दो फर्जी पुलिस आईडी कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। गिरफ्तार आरोपी दो फतेहगंज पश्चिमी और एक शेरगढ़ क्षेत्र के रहने वाले हैं।
एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर रविवार रात पुलिस स्टेशन रोड पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान पुलिस को रेलवे स्टेशन के पास तीन संदिग्ध व्यक्तियों के खड़े होने की सूचना मिली। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची, तो आरोपी पास की पानी की टंकी के पास खड़े हो गए। पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को पकड़ लिया।
फर्जी आईडी कार्ड दिखाकर बनते थे पुलिसकर्मी
पूछताछ में तीनों आरोपियों की पहचान मोहम्मद कासिम उर्फ अनीस (निवासी जसवंतपुर, शेरगढ़), अनीस अहमद (निवासी टिटौली, फतेहगंज पश्चिमी) और नदीम के रूप में हुई। इनका तरीका बेहद शातिर था—फर्जी पुलिस आईडी कार्ड दिखाकर वे खुद को असली पुलिसकर्मी साबित करते थे और इलाके में स्मैक की बिक्री करते थे।
गिरोह का तस्करी मॉडल और पुलिस की जांच जारी
आरोपी लंबे समय से स्मैक की पुड़िया बनाकर छोटे तस्करों को बेचते थे और सिर्फ फिक्स ग्राहकों को ही सप्लाई करते थे ताकि पुलिस के शक से बच सकें। पुलिस उनके कब्जे से मिले फर्जी आईडी कार्ड और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की भी जांच कर रही है कि इन्हें किस उद्देश्य से तैयार किया गया था।
उधर, फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने एक अन्य तस्कर को भी गिरफ्तार किया है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बाईपास स्थित टीन शेड के पास दबिश दी और शकील (निवासी परसाखेड़ा, थाना सीबीगंज) को गिरफ्तार किया। उसके पास से 32 ग्राम स्मैक, मोबाइल और बाइक बरामद हुई। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
बरेली पुलिस की इस कार्रवाई से ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क पर बड़ा प्रहार हुआ है और इलाके में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के प्रयास जारी हैं।