अब नहीं चलेगा खेल सरकारी जमीनों का कब्जा मिला तो प्रधान-लेखपाल जाएंगे सीधे लपेटे में

बरेली। गांवों में सरकारी जमीन पर अब कब्जा करना किसी को भी भारी पड़ सकता है। खासतौर पर उन ग्राम प्रधानों और लेखपालों को जो मिलीभगत से या लापरवाही में ऐसी जमीनों पर आंखें मूंदे बैठे हैं। जिलाधिकारी ने साफ निर्देश दिए हैं—सरकारी भूमि पर कब्जा मिला तो जवाबदेही तय होगी और कार्रवाई भी तय मानी जाएगी।
शिकायतों से खुली पोल, अब एक्शन मोड में प्रशासन
लगातार मिल रही शिकायतों ने प्रशासन की नींद तोड़ी है। कई ग्राम पंचायतों में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे पाए गए हैं—कहीं खेती हो रही है, तो कहीं निर्माण तक खड़े हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई मामलों में ग्राम प्रधान, सचिव और लेखपाल की मिलीभगत सामने आ रही है।
जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को आदेश जारी किए हैं कि अपने क्षेत्र के गांवों में सरकारी जमीनों का मौके पर जाकर सत्यापन करें। जहां कब्जा मिला, वहां का लेखपाल और प्रधान सीधे आरोपी माने जाएंगे। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है।
प्रशासन ने साफ शब्दों में कहा है कि अब सरकारी जमीन को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कहीं कब्जा मिला, तो लेखपाल की व्यक्तिगत लापरवाही मानी जाएगी और उसी आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।