तीन सौ करोड़ की ठगी का आरोपी गंगा इंफ्रासिटी का निदेशक गिरफ्तार, भेजा गया जेल

बरेली में शहरवासियों को तीन सौ करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोपी श्री गंगा इंफ्रासिटी के निदेशक राजेश मौर्य को बारादरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। वह डेढ़ साल से फरार चल रहा था। अदालत से उसके खिलाफ लगातार वारंट जारी हो रहे थे। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक, छह साल पहले श्री गंगा इंफ्रासिटी के निदेशक राजेश मौर्य ने शहरवासियों को जमीन में निवेश करने पर मोटा मुनाफा होने का झांसा देकर तीन सौ करोड़ रुपये की ठगी की थी। जब कंपनी के पास करोड़ों रुपये जमा हो गए तो राजेश अचानक लापता हो गया। उसे बरेली का नीरव मोदी भी कहा जाता है। पुलिस ने उसके खाते फ्रीज किए थे, लेकिन उससे पहले ही राजेश ने रकम निकालकर संपत्ति में निवेश कर दी थी। बारादरी थाने में उसके खिलाफ कई निवेशकों ने मुकदमे दर्ज कराए, लेकिन रुपयों के दम पर वह आखिरकार जेल से छूट गया था।
चेक बाउंस होने के एक मामलों में जब राजेश मौर्य अदालत में हाजिर नहीं हुआ तो उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया गया। इसके बावजूद वह अदालत में हाजिर नहीं हुआ। इस पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (एनआई) एक्ट की अतिरिक्त अदालत के न्यायाधीश हरिहर प्रसाद यादव ने एसएसपी को वैष्णोपुरम कॉलोनी निवासी राजेश मौर्य को गिरफ्तार कर अदालत में हाजिर कराने के आदेश दिए थे।
कारोबारियों और प्रतिष्ठित लोगों को भी फंसाया
राजेश मौर्य ने ग्रीन पार्क के सामने अपनी कंपनी का दफ्तर खोला था। उसने लोगों को कमुआ मोड़ के पास जमीन दिखाकर उसमें निवेश करने पर दोगुना मुनाफा और जमीन देने का झांसा दिया था। लोगों को झांसे में लेने के लिए उसने शुरुआत में निवेश करने वालों को दोगुनी रकम के चेक भी दिए थे। जब राजेश मौर्य की कंपनी चर्चा में आई तो शहर के कई सफेदपोशों, कारोबारियों और प्रतिष्ठित लोगों ने बड़े पैमाने पर उसमें निवेश कर दिया। इसके बाद दफ्तर पर ताला डालकर राजेश अपने गुर्गों के साथ भाग गया।
एजेंटों को दी थी बाइक, कारें
राजेश मौर्य ने कंपनी के एजेंटों को बाइक और लग्जरी कारें उपहार में दी थी। जो एजेंट जितना ज्यादा निवेश कराता था, उसे उतना ही बड़ा उपहार मिलता था। इससे प्रभावित एजेंटों ने परिचितों और रिश्तेदारों से भी निवेश करवा दिया। राजेश के फरार होने के बाद कई एजेंटों ने अपने वाहन थानों में सरेंडर कर दिए थे।