परवाह बना जन-आंदोलन

बरेली। बरेली जोन पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर चलाया गया एक महीने का डिजिटल अभियान ‘परवाह’ अब केवल एक प्रचार मुहिम नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन बन चुका है।
19 अप्रैल से 19 मई 2025 तक चलाए गए इस नवाचारी प्रयास ने 1 करोड़ 50 हजार से अधिक लोगों तक पहुंच बनाकर यातायात जागरूकता के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
अपर पुलिस महानिदेशक रमित शर्मा के निर्देशन में शुरू हुए इस अभियान में जोन के सभी 9 जिलों, बरेली ट्रैफिक पुलिस और मुरादाबाद ट्रैफिक पुलिस ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों को यातायात नियमों, हेलमेट, सीट बेल्ट, ओवर स्पीडिंग और मोबाइल के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर जागरूक किया गया।
‘परवाह’ के आंकड़े बोले सफलता की कहानी
मापदंड आँकड़े
कुल डिजिटल व्यूज 1,00,50,530
सोशल मीडिया इंटरेक्शन 10.4 लाख+ (लाइक, शेयर, कमेंट)
कुल पोस्ट 5785 (1828 फोटो, 2618 टेम्पलेट, 210 पेपर कटिंग, 1144 वीडियो)
X (पूर्व ट्विटर) पर रीपोस्ट 1,90,778
फेसबुक शेयर 38,559 बार
सोशल मीडिया प्रतियोगिता में रामपुर रहा अव्वल
अभियान की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए बरेली जोन स्तर पर सोशल मीडिया टीमों के बीच प्रतियोगिता कराई गई। तीन सदस्यीय निष्पक्ष समिति द्वारा मूल्यांकन के बाद परिणाम घोषित किए गए:
प्रथम स्थान – रामपुर,द्वितीय स्थान – बरेली
तृतीय स्थान – बरेली ट्रैफिक पुलिस
वहीं मुरादाबाद, मुरादाबाद ट्रैफिक पुलिस और बदायूं को प्रोत्साहन पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
AI ‘जारविस’ और इन्फ्लुएंसर्स ने बढ़ाया प्रभाव
अभियान की सफलता में AI PR Officer ‘जारविस’ और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका भी अहम रही। इनके माध्यम से युवाओं को आकर्षक और भावनात्मक कंटेंट के जरिए जोड़ा गया। वीडियो संदेश, रियल केस स्टडी और जागरूकता रैलियों ने सोशल मीडिया पर अभियान को ट्रेंड कराया।
सीधा संवाद, भावनात्मक जुड़ाव
‘परवाह’ अभियान सिर्फ जानकारी देने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जनता से सीधा संवाद स्थापित करने की कोशिश की गई। इमोशनल अपील, दुर्घटनाओं के वास्तविक केस, और वीडियो इंटरव्यू जैसी रणनीतियों ने लोगों में प्रभावशाली चेतना जगाई।
जल्द होगा सम्मान समारोह
एडीजी रमित शर्मा ने बताया कि जल्द ही बरेली जोन कार्यालय में एक सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें विजेता टीमों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “यह केवल एक डिजिटल प्रयास नहीं, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास और जागरूकता की नई कड़ी है।”