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कृषि विभाग में फिर घोटाले का जिन्न बाहर आया, प्रमुख सचिव ने तलब की डीएम से रिपोर्ट

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बरेली। कृषि विभाग एक बार फिर भ्रष्टाचार के घेरे में है। किसानों की योजनाओं में अनियमितता और अनुदान की राशि को निजी खाते में ट्रांसफर कराने जैसे संगीन आरोपों के चलते मामला प्रमुख सचिव तक पहुंच गया है। प्रमुख सचिव ने इस गंभीर प्रकरण पर जनपद के जिलाधिकारी से स्पष्ट और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

मामला उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात तकनीकी सहायक मयंक यादव से जुड़ा है, जिन पर किसानों की विभिन्न सरकारी योजनाओं में लाखों रुपये की अनुदान राशि को गैरकानूनी रूप से अपने निजी खातों में स्थानांतरित कराने का आरोप है।

शासन के संज्ञान में मामला आने के बाद डीएम बरेली ने उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह से घोटाले से जुड़ी पूरी फाइल तत्काल तलब की है। साथ ही पूर्व में जांच के आदेश के बावजूद कार्रवाई से बचते रहे अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन डीएम रविंद्र कुमार के आदेश के बावजूद मामले को दबाने की कोशिश की गई थी, जिसकी भी अब उच्च स्तरीय जांच हो सकती है।

मुख्यमंत्री से की गई थी शिकायत

इस पूरे घोटाले की शिकायत बहेड़ी की पंजाब कॉलोनी निवासी राज कमल ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मयंक यादव ने साल 2011 में बीटीएम के पद पर आलमपुर जाफराबाद में तैनाती के दौरान भी योजनाओं में जमकर धांधली की थी और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से खुद को अनुचित रूप से लाभ पहुंचाया।

जांच में कई और चेहरे आ सकते हैं सामने

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि मयंक यादव ने न सिर्फ किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि में गड़बड़ी की, बल्कि कई योजनाओं में फर्जी दस्तावेज लगाकर भुगतान जारी कराया। इस घोटाले की परतें खुलने के साथ ही कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। अब देखना होगा कि शासन स्तर से कार्रवाई की गाड़ी कितनी तेजी से आगे बढ़ती है।

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