बरेली कॉलेज प्राचार्य के दस्तावेजों पर सवाल, प्रदेशभर के 290 प्राचार्य जांच के घेरे में

बरेली। उच्च शिक्षा जगत में बड़ा भूचाल मच गया है। प्रदेश के 290 महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या-49 के तहत 2022-23 में हुई प्राचार्यों की नियुक्ति अब संदेह के घेरे में है। शासन को मिली शिकायतों के अनुसार, इन नियुक्तियों में 70 प्रतिशत प्राचार्यों ने फर्जी शोध अनुभव और कूटरचित अभिलेखों का सहारा लिया।
शासन ने दिए जांच के आदेश
गंभीर आरोपों के बाद शासन ने सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।
बरेली कॉलेज भी जांच के दायरे में
इसी विज्ञापन से बरेली कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओपी राय समेत सात शिक्षकों का चयन हुआ था। इनमें से एक ने पदभार ग्रहण नहीं किया, जबकि दूसरे ने इस्तीफा दे दिया। अब प्राचार्य प्रो. ओपी राय के दस्तावेज भी जांच की जद में आ गए हैं।
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो. संध्या रानी ने कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव देवमूर्ति को पत्र लिखकर चयनित प्राचार्यों के सभी प्रमाणपत्रों की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। चूंकि प्रो. राय 21 अगस्त तक अवकाश पर हैं, लिहाजा उनके लौटने के बाद प्रपत्रों की गहन जांच कराई जाएगी।
पांच सदस्यीय जांच समिति गठित
कॉलेज प्रबंध समिति ने मामले की गंभीरता देखते हुए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें चेयरमैन सुभाष मेहरा, वरिष्ठ सदस्य एमसी गुप्ता, गुरु प्रसाद मल्होत्रा, पूर्व प्राचार्य डॉ. अनुराग मोहन और स्थापना प्रभारी डॉ. दयाराम शामिल हैं। समिति को निर्देश दिए गए हैं कि प्राचार्य की वापसी के बाद दस्तावेजों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए।