जोगी नवादा में जब ‘भाईजान’ से गले मिले शिवभक्त, अमन-चैन का बना बेहतरीन नज़ारा

बरेली। शहर के संवेदनशील माने जाने वाले जोगी नवादा इलाके में इस बार मोहर्रम और कांवड़ यात्रा के दौरान जो दृश्य देखने को मिला, उसने अमन और भाईचारे की नई मिसाल पेश की। जहां बीते वर्षों में अक्सर तनाव और टकराव की खबरें आती थीं, वहीं इस बार ‘भाईजान’ और भोले के भक्त जब गले मिले, तो पूरा इलाका तालियों और फूलों की खुशबू से गूंज उठा।
जहां कभी तनाव था, वहां अब मोहब्बत की तस्वीर
रविवार को जब कांवड़ यात्रा का विशाल जुलूस जोगी नवादा स्थित शाहनूरी मस्जिद के पास पहुंचा, तो पहले से भारी पुलिस बल मुस्तैद था। यह वही इलाका है जहां जुलूसों को लेकर बीते समय में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी थी। लेकिन इस बार नज़ारा बिल्कुल बदला हुआ था।
मस्जिद के बाहर खड़े मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कांवड़ियों पर न केवल फूल बरसाए, बल्कि उन्हें माला पहनाकर और फल बांटकर स्वागत किया। इसके बदले शिवभक्तों ने भी गले लगकर मोहब्बत और एकता का पैग़ाम दिया।
पुलिस प्रशासन की पहल लाई रंग, ली राहत की सांस
नगर क्षेत्राधिकारी तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार प्रशासन ने दोनों समुदायों के लोगों से पूर्व संवाद और आपसी सहमति के ज़रिए माहौल को सौहार्दपूर्ण बनाए रखने की कोशिश की थी, जो पूरी तरह सफल रही।
“जोगी नवादा में हजारों शिवभक्तों ने कांवड़ यात्रा निकाली। मुस्लिम भाइयों ने जगह-जगह स्वागत कर सौहार्द की मिसाल कायम की। पुलिस ने राहत की सांस ली,” — पंकज श्रीवास्तव, सीओ नगर तृतीय
जब मोहर्रम में हिंदू, और कांवड़ में मुस्लिमों ने बरसाए फूल
इससे पहले मोहर्रम के दौरान भी जब ताज़ियादारों का जुलूस निकला था, तब हिंदू समुदाय के लोगों ने फूलों से स्वागत कर भाईचारे की भावना प्रकट की थी। उसी सौहार्द की कड़ी में अब मुस्लिम भाइयों ने कांवड़ियों का खुले दिल से इस्तक़बाल किया।
संदेश साफ है — “धर्म अलग हो सकते हैं, दिल नहीं”
जोगी नवादा में दिखा यह नज़ारा बताता है कि आपसी बातचीत, समझदारी और प्रशासन की सक्रिय भूमिका से सबसे संवेदनशील इलाकों में भी मोहब्बत और एकता की फसल लहलहा सकती है। जहां पहले तनाव की सुर्खियां बनती थीं, वहां अब भाईचारे की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।