रेलवे में नौकरी का झांसा देकर ₹1.70 लाख की ठगी

बरेली। नौकरी की तलाश में भटक रहे युवाओं को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश प्रेमनगर पुलिस ने कर दिया है। पुलिस ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए इस फर्जीवाड़े में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपियों ने पीड़ित युवक से ₹1.70 लाख की रकम ठगी और फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर उसे कानपुर भेज दिया था, जहां पहुंचकर उसे धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
फर्जी नियुक्ति पत्र और आईडी से किया गुमराह, फिर भेजा कानपुर
प्रेमनगर क्षेत्र निवासी तरुण जौहरी से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर अनूप सक्सेना, विनित और रोहित सिंह ने ₹1.70 लाख की रकम वसूल ली। आरोपियों ने पहले तरुण को विश्वास में लिया, फिर उसे रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र सौंप कर कानपुर भेजा। वहां अधिकारियों ने ऐसी किसी नियुक्ति से इंकार कर दिया। इसके बाद तरुण को समझ आया कि उसके साथ धोखा हुआ है।
पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा, मास्टरमाइंड है अनूप सक्सेना
पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे काफी समय से नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से रकम वसूल कर ठगी कर रहे हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड अनूप सक्सेना (56 वर्ष) है, जो खुद को रसूखदार व्यक्ति बताकर बेरोजगार युवाओं को झांसे में लेता था। तरुण से वसूली गई रकम तीनों के बीच बांटी गई और उसे जानबूझकर भ्रमित कर कानपुर भेजा गया।
इनकी गिरफ्तारी अभी बाकी, जल्द होगी कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, मामले में नामजद एक अन्य आरोपी सुमित और गिरोह से जुड़े विनीत पांडेय की तलाश अभी जारी है। पुलिस का दावा है कि दोनों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गिरोह के नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने लोगों को अब तक ठगा जा चुका है।
पुलिस की इस कार्रवाई से एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले ऐसे गिरोहों से सावधान रहने की जरूरत है, ताकि मेहनत की कमाई गलत हाथों में न चली जाए।






