बंदरों का कहर: 48 घंटे में तीन महिलाओं पर हमला, एक की हालत नाजुक
जखीरा, भमोरा और बिलपुर की घटनाएं, सिर, चेहरा और हाथ-पैर पर गहरे जख्म, जिला अस्पताल में भर्ती

बरेली। शहर और ग्रामीण इलाकों में बंदरों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। बीते 48 घंटों के भीतर बंदरों के झुंड ने तीन अलग-अलग स्थानों पर तीन महिलाओं को निशाना बना लिया। हमलों में महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिनमें से एक की हालत चिंताजनक बनी हुई है। तीनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पहली घटना: थाना किला क्षेत्र के जखीरा मोहल्ले में सोमवार देर शाम 25 वर्षीय साजिया घर के बाहर कपड़े धो रही थीं। इसी दौरान बंदरों का झुंड अचानक घर में घुस आया और उन पर हमला कर दिया। जान बचाने की कोशिश में साजिया गिर पड़ी, लेकिन बंदरों ने उनके हाथ और पैरों को बुरी तरह से नोच डाला। उन्हें तत्काल स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
दूसरी घटना: थाना भमोरा क्षेत्र के गांव कुण्डलीय कास्टपुर में 35 वर्षीय शीला देवी पत्नी कृष्ण पाल घर में भैंसों को चारा डाल रही थीं। तभी बंदरों का झुंड अचानक उन पर टूट पड़ा। हमले में उनके बाएं हाथ में गहरी चोट आई। पहले उन्हें भमोरा सीएचसी लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
तीसरी घटना: रविवार देर शाम फतेहगंज पूर्वी के बिलपुर गांव में 28 वर्षीय नीलम पत्नी सौरभ पर बंदरों ने उस समय हमला कर दिया, जब वह रसोई में खाना बना रही थीं। बंदरों ने उनके सिर और चेहरे पर झपट्टा मारते हुए उन्हें लहूलुहान कर दिया। परिवार ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार, नीलम की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
स्थानीयों में दहशत, जिम्मेदार बेपरवाह
लगातार हो रहे हमलों के बाद जखीरा, भमोरा और बिलपुर के लोगों में भारी दहशत है। लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायतों के बावजूद वन विभाग और नगर निगम ने अब तक बंदरों की रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाया। बच्चों और महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।