296 मोबाइल फोन बरामद, बरेली पुलिस ने लौटाई एक करोड़ की संपत्ति….एसपी ट्रैफिक ने किया वितरण, 10 पुलिसकर्मी सम्मानित

बरेली। बरेली पुलिस ने एक बार फिर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए शहर और देहात क्षेत्रों से गुम हुए 296 मोबाइल फोन बरामद कर उनके वास्तविक मालिकों को सौंप दिए। इन मोबाइल की कुल अनुमानित कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई है।
रिजर्व पुलिस लाइंस स्थित रविन्द्रालय सभागार में मंगलवार को आयोजित विशेष कार्यक्रम में एसपी ट्रैफिक मोहम्मद अकमल खान ने मोबाइल लौटाए। इस दौरान लोगों की आंखों में खुशी और पुलिस के प्रति आभार साफ झलक रहा था।
मोबाइल वापसी अभियान की सफलता
एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सर्विलांस सेल ने सीईआईआर पोर्टल, तकनीकी विश्लेषण और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिये अभियान चलाया। जिले के सभी थानों की मदद से यह बड़ी सफलता मिली।
इन थानों से बरामद हुए मोबाइल:
सर्विलांस सेल 24, आंवला 10,
इज्जतनगर 18, बिथरी चैनपुर 10,
बहेड़ी 18 शेरगढ़ 10
कोतवाली 17 मीरगंज 8
बारादरी 17 फरीदपुर 7
भमोरा 16 शाही 7
सीबीगंज 15 भोजीपुरा 7
नवाबगंज 15 कैंट 7
किला 12 शीशगढ़ 7
सुभाषनगर 12 फतेहगंज वेस्ट 6
प्रेमनगर 11 अलीगंज 6
भुता 10 हाफिजगंज 6
विशारतगंज 4 सिरौली 5
देवरनियां 4 फतेहगंज ईस्ट 4
क्योलड़िया 3
ईमानदारी की मिसाल बने ये पुलिसकर्मी
मोबाइल बरामदगी अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र और 200 रुपये नकद देकर सम्मानित किया गया।
सम्मानित पुलिसकर्मी:
अजय कुमार (थाना कैंट)
संदीप कुमार (थाना सुभाषनगर)
सोहेल (थाना सीबीगंज)
नाजिम हुसैन (थाना भमोरा)
शिवप्रसाद (थाना विशारतगंज)
निशांत शुक्ला (थाना भुता)
मयूर (थाना शेरगढ़)
प्रीतम सिंह (थाना नवाबगंज)
कृष्णकांत (थाना प्रेमनगर)
अंजुम परवीन (महिला कांस्टेबल, थाना क्योलड़िया)
एसपी ट्रैफिक मोहम्मद अकमल खान ने मंच से संबोधित करते हुए कहा “बरेली पुलिस आमजन के खोए हुए मोबाइल फोन लौटाकर विश्वास की डोर और मजबूत कर रही है। यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।” उन्होंने पुलिसकर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी को भविष्य में भी ऐसे कार्य करते रहने के लिए प्रेरित किया।
यह अभियान सर्विलांस टीम, थाना स्तर के कंप्यूटर ऑपरेटरों और तकनीकी विशेषज्ञों की मेहनत का नतीजा है, जिन्होंने हर शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मोबाइल फोन की खोज को अंजाम तक पहुंचाया।
जनता की प्रतिक्रिया
फोन वापस पाने वाले लोगों ने कहा कि पुलिस ने जिस ईमानदारी और मेहनत से यह कार्य किया, वह काबिल-ए-तारीफ है। एक खोया हुआ फोन सिर्फ डिवाइस नहीं, उसमें मौजूद यादें, डेटा और भावनाएं होती हैं — जिसे वापस पाकर उनका भरोसा और बढ़ गया है।