तांत्रिक के बहकावे में आकर ताऊ ने दी भतीजे की बलि
प्रयागराज में प्रॉपर्टी डीलर का खौफनाक अपराध, 17 वर्षीय छात्र पीयूष की हत्या – शव के टुकड़े कर नाले और जंगल में फेंके

प्रयागराज। अंधविश्वास और हैवानियत ने मिलकर एक मासूम की जिंदगी लील ली। औद्योगिक थाना क्षेत्र के हाइटेक सिटी इलाके में 17 वर्षीय छात्र पीयूष सिंह की हत्या ने पूरे प्रयागराज को झकझोर दिया। हत्या का आरोपी कोई और नहीं बल्कि उसका सगा ताऊ सरन सिंह निकला।
तंत्र-मंत्र के फेर में हुई हत्या
पुलिस जांच में सामने आया कि प्रॉपर्टी डीलर सरन सिंह एक तांत्रिक के बहकावे में आ गया था। तांत्रिक ने उसे झांसा दिया कि “अगर अपने बेटे-बेटी की उम्र का कोई किशोर बलि देगा तो सारे ग्रहदोष समाप्त हो जाएंगे।” इसी अंधविश्वास में उसने अपने ही भतीजे पीयूष की बलि चढ़ा दी।
वारदात का सिलसिला
सोमवार सुबह पीयूष रोज की तरह स्कूल के लिए घर से निकला, लेकिन स्कूल पहुंचा ही नहीं। रास्ते में ताऊ ने उसे दबोच लिया और घर ले जाकर तांत्रिक विधि के नाम पर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने शव के टुकड़े कर हाथ-पैर जंगल में और धड़ नाले में फेंक दिया।
गुमशुदगी से हत्या तक का राज
पीयूष की मां कामिनी देवी ने बताया कि बेटा रोजाना दोपहर तक लौट आता था, लेकिन उस दिन शाम तक न आने पर उन्होंने स्कूल फोन किया। पता चला कि पीयूष स्कूल गया ही नहीं था। घबराए परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
पुलिस ने 200 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले। इसी दौरान एक महिला ने बताया कि किसी ने नाले में काला पैकेट फेंका था। जब पुलिस ने CCTV खंगाला तो शक की सुई सीधे ताऊ पर आ गई।
कबूलनामे में निकला खौफनाक सच
गिरफ्तारी के बाद सरन सिंह ने कबूल किया –”मेरे बेटे और बेटी ने आत्महत्या कर ली थी। मैं टूट चुका था। तभी तांत्रिक मिला। उसने कहा कि अगर उसी उम्र के किसी किशोर की बलि दूं तो ग्रहदोष खत्म हो जाएंगे। इसी वजह से मैंने पीयूष की हत्या की।”
उसकी निशानदेही पर पुलिस ने जंगल से हाथ-पैर और नाले से धड़ बरामद किया। आरोपी के घर से काली पॉलीथिन और इत्र की शीशी भी जब्त की गई।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
पीयूष की मां कामिनी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। बड़े भाई ध्रुव ने कहा –”ताऊ पहले चोरी करता था, बाद में प्रॉपर्टी का काम शुरू किया और अब तंत्र-मंत्र के चक्कर में भाई की जान ले ली। हम चाहते हैं कि उसे ऐसी सजा मिले जिससे पूरी दुनिया सबक सीखे।”
समाज और प्रशासन के लिए बड़ा सवाल
यह वारदात सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं बल्कि समाज और प्रशासन के लिए गहरा सवाल है – आखिर कब तक अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के नाम पर मासूम जिंदगियां कुर्बान होती रहेंगी?