कहा जा रहा दान का भूसा,हिसाब नहीं दे पा रहे बीडीओ

बरेली। जिले में संरक्षित गोवंशीय पशुओं के लिए लोगों ने 29 हजार क्विंटल भूसा दान में दिया था, जो विभिन्न ब्लाकों में भंडारित किया गया था। अब उस भूसे का हिसाब बीडीओ नहीं दे रहे हैं। सीडीओ ने दान के भूसे की रिपोर्ट मांगी है, जिससे गोवंशीय पशुओं के चारे की समुचित व्यवस्था की जा सके। इसके अलावा हरे चारे की व्यवस्था भी की जा रही है।
जिले की गौशालाओं में संरक्षित गोवंशीय पशुओं के लिए गोशालाओं में भूसा उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए गोशाला संचालकों की और से भूसा खरीदा जाता है। गोवंशीय पशुओं के लिए वर्ष भर भूसे की कमी न रहे तो गेहूं कटान के दौरान भूसा खरीदने के साथ ही संपन्न लोगों से भूसा दान करने की अपील की गई थी, जिस पर जिले के लोगों ने 29 हजार क्विंटल से अधिक भूसा दान में दिया था। अब उस भूसे का क्या हुआ, इस बारे में सीडीओ के स्तर से रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके एक सप्ताह बीतने के बावजूद अब तक रिपोर्ट नहीं दी गई। इस बारे में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. मनमोहन पांडेय का कहना है कि अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि दान का भूसा जब गोशालाओं का दिया जाता है तो वे उसका बिल नहीं लगा सकते हैं। दान के भूसे से संबंधित रिपोर्ट आने के बाद सारी जानकारी स्पष्ट हो सकेगी।
दान के भूसे की रिपोर्ट बनवाई जा रही है। ब्लाक क्षेत्रों के भूसे की कमी नहीं है। इसके अलावा गोवंशीय पशुओं के हरा चारा की व्यवस्था भी कराई जा रही है।देवयानी, मुख्य विकास अधिकारी