फैयाज केयर हॉस्पिटल मानकों की कर रहा अनदेखी, रेजिडेंशियल कॉलोनी में अवैध संचालन पर उठे सवाल

बरेली। शहर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। रेजिडेंशियल कॉलोनी के बीचों-बीच संचालित हो रहा फैयाज केयर हॉस्पिटल न सिर्फ नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहा है, बल्कि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा, स्वच्छता और जीवनशैली पर भी खतरा बन चुका है।
स्थानीय निवासियों और किसान संगठनों की ओर से स्वास्थ्य विभाग को की गई शिकायत में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि यह अस्पताल पूर्णतः मानकों के विपरीत संचालित हो रहा है।
मुख्य आरोप एवं समस्याएँ:
रेजिडेंशियल एरिया में अवैध संचालन – फैयाज केयर हॉस्पिटल आवासीय क्षेत्र में बिना किसी स्पष्ट अनुमति के संचालित किया जा रहा है, जो नगर नियोजन और स्वास्थ्य मानकों का सीधा उल्लंघन है।
सड़क पर गाड़ियों की अवैध पार्किंग – अस्पताल के बाहर अवैध रूप से गाड़ियों की पार्किंग की जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बायोमेडिकल वेस्ट का गलत निष्पादन – शिकायत में कहा गया है कि अस्पताल से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में और सड़क पर फेंका जा रहा है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरे उत्पन्न हो रहे हैं।
फायर सेफ्टी और प्रदूषण नियंत्रण उपकरण नदारद – अस्पताल में न फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था है, न प्रदूषण नियंत्रण के कोई उपकरण लगे हैं। यह सीधे तौर पर आपदा की संभावना को जन्म देता है।
गंदा मवाद खुले में बहाया जा रहा – अस्पताल से निकलने वाले गंदे मवाद को नालियों में बहा दिया जाता है, जिससे कॉलोनी के वातावरण में दुर्गंध फैल रही है और संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है।
क्या बोले सामाजिक कार्यकर्ता शाहबाज अली:
सामाजिक कार्यकर्ता शाहबाज अली ने कहा – “फैयाज केयर हॉस्पिटल स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे अवैध रूप से चल रहा है। यह अस्पताल न केवल मानकों का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि स्थानीय जनता की जान को भी खतरे में डाल रहा है। हम प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं।”
स्थानीय लोगों की मांग:
अस्पताल की तत्काल जांच कर बंद किया जाए, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, बायोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन की वैज्ञानिक व्यवस्था हो, रेजिडेंशियल एरिया में ऐसे अवैध अस्पतालों पर पूर्ण प्रतिबंध लगे
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों और संगठनों की बार-बार शिकायतों के बावजूद अभी तक स्वास्थ्य विभाग या नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सवाल उठता है कि आखिर क्यों नियमों को ताक पर रखकर इस अस्पताल को खुली छूट दी जा रही है?