“इस्लाम में महिलाओं को दिया गया बड़ा सम्मान, हमारे घरों में झांकने की कोशिश न करें” – बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का कथावाचकों पर तीखा हमला

बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रमुख इस्लामी स्कॉलर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने हाल ही में कथावाचकों के बयानों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुछ कथावाचक अपने धर्म के बजाय मुस्लिम समाज के निजी मामलों और महिलाओं को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं, जो न केवल अनुचित है बल्कि धार्मिक सीमाओं का उल्लंघन भी है।
मौलाना रजवी ने नाम लिए बिना स्वामी रामभद्राचार्य के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कथावाचक अपने समाज की बुराइयों और कुरीतियों पर बोलें, उसमें सुधार की बात करें। लेकिन मुसलमानों के घरों में झांकने की कोशिश न करें। मुस्लिम समाज में सुधार की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है, हमारे धर्मगुरु इसमें पूरी जिम्मेदारी से लगे हैं।”
“इस्लाम ने महिलाओं को दिया सर्वोच्च सम्मान”
महिलाओं को लेकर की जा रही टिप्पणियों पर मौलाना ने कहा,“इस्लाम महिलाओं को बड़ी इज्जत देता है। कुरान शरीफ में महिलाओं के अधिकारों पर पूरी एक सूरत है। पैगंबर-ए-इस्लाम ने कहा है कि ‘मां के पैरों तले जन्नत है’, और मर्दों को अपनी बीवियों के साथ आदरपूर्वक व्यवहार करने की शिक्षा दी है।”
उन्होंने कहा कि किसी भी मजहब के अनुयायी को दूसरे धर्म या समाज के निजी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हर धर्म को अपने अनुसार जीवन जीने की आज़ादी है और इस पर टिप्पणी करना समाज में टकराव को बढ़ावा देता है।
वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ संशोधन बिल पर दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए इसे “ऐतिहासिक और संतुलित निर्णय” बताया। उन्होंने कहा, “हमें सुप्रीम कोर्ट से ऐसे ही निष्पक्ष फैसले की उम्मीद थी। इस निर्णय से उन भू-माफियाओं पर रोक लगेगी जो वर्षों से वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं।”
मौलाना के अनुसार, वक्फ की ज़मीनों से प्राप्त आमदनी को अब ईमानदारी से गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों के उत्थान के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की कि वह इस फैसले का स्वागत करें और वक्फ संपत्तियों की रक्षा और सही उपयोग में प्रशासन का सहयोग करें।