दिशा पाटनी के घर फायरिंग केस में बड़ी कार्रवाई: दो शूटर ढेर, दो पर शिकंजा कसने को तैयार STF

गाजियाबाद/बरेली। बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर पर हुई सनसनीखेज फायरिंग मामले में यूपी पुलिस को बुधवार शाम बड़ी सफलता मिली। गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी में यूपी एसटीएफ और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संयुक्त ऑपरेशन में दो कुख्यात इनामी शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों अपराधी गैंगस्टर गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गैंग के सक्रिय सदस्य थे और उन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ में मारे गए दोनों शूटर, विदेशी हथियार बरामद
ढेर किए गए शूटरों की पहचान रविंद्र (रोहतक, हरियाणा) और अरुण (सोनीपत) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, रविंद्र 12 सितंबर को दिशा पाटनी के पिता, सेवानिवृत्त डीएसपी जगदीश पाटनी के घर पर दूसरी बार हुई फायरिंग का मास्टरमाइंड था, जबकि अरुण बाइक चला रहा था।
मुठभेड़ के दौरान चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके से विदेशी पिस्टलें, भारी मात्रा में कारतूस और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
पहले दिन की फायरिंग में शामिल नकुल और विजय पर अब शिकंजा कसने को तैयार STF
11 सितंबर की सुबह पहली बार हुई फायरिंग में बागपत निवासी नकुल और विजय तोमर शामिल थे। जांच में सामने आया है कि नकुल ने फायरिंग की, जबकि विजय बाइक चला रहा था। दोनों की पहचान सीसीटीवी फुटेज और खुफिया इनपुट्स से की गई है।
पुलिस का दावा है कि दोनों को ट्रेस कर लिया गया है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
कैसे बढ़ा इनामी शूटरों पर दांव तीन स्तर पर हुई कार्रवाई
1. 25,000 से शुरू हुआ इनाम
2. DIG स्तर से बढ़ा 50,000 तक
3. ADG अमिताभ यश ने घोषित किया 1 लाख का इनाम
ADG कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन में इंटरसेप्ट कॉल्स, सीसीटीवी फुटेज, और सीमा पार खुफिया सूचनाओं का इस्तेमाल हुआ। ऑपरेशन की सफलता के लिए हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी यूपी की सीमाओं पर सक्रिय मॉनिटरिंग की गई।
परिवार ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
सेवानिवृत्त डीएसपी जगदीश पाटनी ने एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा,“मुख्यमंत्री ने खुद फोन कर जो आश्वासन दिया था, आज उसकी तेज कार्रवाई से प्रदेश में कानून व्यवस्था पर हमारा विश्वास और मजबूत हुआ है।”
गोल्डी बरार गैंग की धमकी से शुरू हुआ था मामला
जांच में सामने आया है कि फायरिंग की जिम्मेदारी कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बरार ने सोशल मीडिया पर ली थी। यह गैंग पहले भी कई हाई-प्रोफाइल धमकी, फिरौती और टारगेट किलिंग के मामलों में शामिल रहा है। पुलिस को शक है कि यह फायरिंग भी किसी संदेश या दबाव की रणनीति का हिस्सा थी।
‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही यूपी पुलिस
इस केस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस अब संगठित अपराध और गैंगवार के खिलाफ पूरी तरह ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ पर काम कर रही है। तेज कार्रवाई, सटीक खुफिया तंत्र और अंतरराज्यीय समन्वय के चलते बड़े गैंगस्टर्स भी अब सुरक्षित नहीं।
अब टारगेट: नकुल और विजय
बचे हुए दोनों आरोपी — नकुल और विजय — अब पुलिस के रडार पर हैं। एक-एक लाख के इनामी शूटरों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा, बागपत, मेरठ और दिल्ली में दबिशें जारी हैं। STF सूत्रों का कहना है कि दोनों की लोकेशन ट्रेस हो चुकी है, जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद है।