दिशा पाटनी फायरिंग केस : गूगल मैप बना बदमाशों का सबसे बड़ा हथियार

बरेली। बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग की गुत्थी ने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया। जांच में सामने आया कि आरोपितों ने वारदात के बाद भागने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया। यही वजह रही कि वे लगातार पुलिस को चकमा देते रहे और हाईवे व टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों में भी अधिक देर तक कैद नहीं हो सके।
ऐसे दिया पुलिस को चकमा
11 सितंबर को पहली और 12 सितंबर को दूसरी बार दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग हुई। घटना के बाद पुलिस ने जब आरोपितों का पीछा किया तो 2,500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। एक कैमरे में बदमाश दिखाई देते तो अगले ही कैमरे से गायब हो जाते।
पुलिस उन्हें सिर्फ मुरादाबाद जीरो प्वाइंट तक ही ट्रेस कर सकी।
इसके आगे कोई फुटेज हाथ नहीं लगी।
पुलिस को संदेह हुआ कि बदमाशों को किसी लोकल का सहारा मिला होगा, लेकिन जांच में साफ हुआ कि उन्होंने केवल गूगल मैप की मदद से अनजान रास्तों से फरार होने का रास्ता बनाया।
एनकाउंटर और गिरफ्तारियां
19 सितंबर को मुख्य आरोपित रविंद्र और अरुण को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया। पहले दिन फायरिंग करने वाले दोनों शूटर नकुल और विजय को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार किया। वहीं, रामनिवास (डमी रविंद्र) और उसका साथी अनिल को बरेली पुलिस ने शाही में नेपाल भागते समय मुठभेड़ में पकड़ा। दोनों को जेल भेजा गया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फायरिंग के बाद से ही दिशा पाटनी के घर पर पिकेट, गनर और सशस्त्र गार्ड तैनात हैं। बरेली पुलिस ने पूरी घटना का विवरण मुंबई पुलिस को भेज दिया है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया“मुंबई पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दे दी गई है। अगर दिशा वहां सुरक्षा की मांग करती हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। यहां किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी।”
किशोर न्याय बोर्ड में अर्जी
दिल्ली पुलिस ने जिन दो बदमाशों को नाबालिग बताकर बाल सुधार गृह भेजा था, उन्हीं की रिमांड के लिए विवेचक आज किशोर न्याय बोर्ड दिल्ली में अर्जी लगाएंगे। अगर रिमांड मंजूर होती है तो दोनों को बरेली लाकर पूछताछ की जाएगी।