टिकैत का केंद्र सरकार पर बड़ा हमला…किसानों की जमीन हड़पना चाहती है सरकार, वोट चोरी का खेल 2013 से जारी

बरेली। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को बरेली में आयोजित किसान महापंचायत में केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए।
नेहरू युवा केंद्र पार्क में उमड़े हजारों किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार की नीतियां पूरी तरह किसान विरोधी हैं। उन्होंने किसानों से अपनी जमीन बचाने और एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
सरकार पर गंभीर आरोप
टिकैत ने कहा“सरकार किसानों की जमीन के पीछे पड़ी है। उसकी नीतियां खतरनाक हैं। मकसद किसानों को खेती से दूर करना और जमीन से मोहभंग कराना है।”किसानों पर फर्जी मुकदमे थोपे जा रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को नजरअंदाज किया जा रहा है। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें आज तक लागू नहीं की गईं।
वोट चोरी का मुद्दा भी उठाया
टिकैत ने राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि वोट चोरी का खेल 2013 से ही चल रहा है। सबसे पहले बिहार में वोट चोरी हुई। इसके बाद यूपी और पूरे देश में यह खेल फैल गया। टिकैत ने किसानों को चेताया कि दिल्ली की कलम बेईमान है, जो किसानों की आवाज को अनसुना करती है।
छुट्टा गोवंश और गोशाला पर तंज
टिकैत ने कहा गोशालाओं के नाम पर चंदा वसूला जा रहा है। जमीन व्यापारियों को बांटी जा रही है। छुट्टा गोवंश सड़कों पर घूमकर किसानों की फसलें चौपट कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या किसानों की जमीन छीनकर हाईवे बनाना ही विकसित भारत का रास्ता है?”
धान खरीद में गड़बड़ी का आरोप
टिकैत ने मंडियों में धान खरीद की अनियमितताओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि “बिहार का धान 800 रुपये क्विंटल बिकता है, लेकिन यूपी की मंडियों में कहां से आ रहा है? शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद और तराई में जब धान खत्म हो जाता है तब भी MSP पर खरीद जारी रहती है।”
वैचारिक क्रांति का आह्वान
पत्रकार वार्ता में टिकैत ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई के लिए ‘वैचारिक क्रांति’ जरूरी है।उन्होंने कहा किसान एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध करें। अपनी जमीन और हक की रक्षा के लिए आंदोलन तेज करें। दिल्ली की राजनीति पर नजर रखें और अपनी ताकत पहचानें।