बरेली बवाल: भीड़ जुटाकर रसूख दिखाना चाहता था तौकीर रजा, पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम के सनसनीखेज खुलासे
नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में ताक़त दिखाने की थी साजिश, सियासी रसूख बढ़ाने की चाह में रचा गया बवाल

बरेली। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा पर बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस पूछताछ में मौलाना के बेहद करीबी और पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने कबूल किया कि तौकीर नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में भीड़ जुटाकर अपना रसूख दिखाना चाहता था। लंबे समय से बरेली में भीड़ न जुटा पाने से मौलाना परेशान था और अब वह मजहब की आड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पैठ जमाना चाहता था।
सियासी रसूख दिखाने की थी चाल
नदीम खां ने पुलिस को बताया कि डेढ़ साल से तौकीर रजा अपने बूते बरेली में बड़ी भीड़ नहीं जुटा पा रहा था। यही उसकी सबसे बड़ी चिंता बन गई थी। “आई लव मोहम्मद” विवाद को बहाना बनाकर उसने यह योजना बनाई कि मुसलमानों का रहनुमा बनते हुए पश्चिमी यूपी में अपनी पकड़ मज़बूत कर सके।
साथ ही, 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस, सपा और बसपा जैसे दलों को अपना राजनीतिक असर दिखाना भी उसका मकसद था।
9 फरवरी 2024 की तरह भड़काऊ तकरीर की थी तैयारी
पुलिस का कहना है कि अगर मौलाना की चाल कामयाब हो जाती तो हालात एक बार फिर 9 फरवरी 2024 जैसे बन जाते, जब उसकी तकरीर ने माहौल भड़काया था। इस बार भी भीड़ को भड़काने के लिए उसने गुपचुप तरीके से फर्जी अपील जारी करवाई थी।
फर्जी पत्र और अंदरूनी खेल
पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम ने कबूल किया कि प्रदर्शन से पहले उसने और डॉ. नफीस ने मिलकर फर्जी पत्र तैयार करवाया था। इस पत्र पर प्रदेश मीडिया प्रभारी लियाकत खां के जाली हस्ताक्षर तीसरे शख्स से कराए गए और फिर पुलिस को सौंप दिए गए।
एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक, रात में पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद नदीम और नफीस ने मौलाना से फोन पर रायशुमारी की थी। उसके बाद ही कार्यक्रम स्थगित करने का पत्र तैयार हुआ। लेकिन जब यह पत्र आईएमसी ग्रुप में डाला गया तो मौलाना ने लियाकत खां की मौजूदगी और हस्ताक्षर पर सवाल उठा दिए।
इसके बाद मौलाना ने खुद वीडियो जारी कर पत्र को फर्जी घोषित कर दिया और सुबह होते-होते भीड़ को भड़काने की राह साफ कर दी।