दरगाह आले रसूल में 10 अक्तूबर से शुरू होगा 80वां उर्स-ए-आले रसूल

बरेली। दरगाह आले रसूल, खानकाहे वामिकिया शाहदाना वली रोड पर इस साल सय्यदुल मशाएख हज़रत सय्यद वामिक मियां का 80वां उर्स और ताजुल औलिया हज़रत सय्यद निशात मियां का 47वां उर्स मनाया जाएगा। यह रूहानी आयोजन 10 से 12 अक्तूबर तक चलेगा।
रविवार को दरगाह परिसर में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सज्जादा नशीन हज़रत सय्यद असलम मियां वामिकी जीलानी ने उर्स का पोस्टर जारी किया। उन्होंने बताया कि उर्स की तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं और इसे अदब व एहतराम के साथ मनाया जाएगा।
पहला दिन (10 अक्तूबर, शुक्रवार): उर्स का आगाज़
नमाज़े जुमा के बाद कुरानख़ानी के साथ उर्स-ए-आले रसूल का आगाज़ होगा। दोपहर 4 बजे मोहल्ला बाग अली अहमद तालाब से परचम कुशाई और चादर का जुलूस निकलेगा, जो आज़मनगर, बाँसमंडी, साहू गोपीनाथ स्कूल होता हुआ मगरिब के वक्त खानकाह पहुंचेगा। रात में महफिले समा (रूहानी कव्वाली) का आयोजन होगा और महबूबे इलाही हज़रत निज़ामउद्दीन औलिया के कुल की रस्म अदा की जाएगी।
दूसरा दिन (11 अक्तूबर, शनिवार): चादर जुलूसों का दिन
उर्स के दूसरे दिन शहर के मुख्तलिफ इलाकों हाफिज़गंज, कुल्हाड़ापीर, हजियापुर और ब्रहम्पुरा से चादरों के जुलूस खानकाह की ओर रवाना होंगे। पूरे दिन शहर में रूहानी माहौल रहेगा।
तीसरा दिन (12 अक्तूबर, रविवार): कुल शरीफ और लंगर-ए-आम
अंतिम दिन सुबह क़ुरआन ख़्वानी के साथ महफ़िल का आगाज़ होगा। उलमाए इकराम की तकरीरें, नात-मनक़बत का सिलसिला चलेगा। ठीक दोपहर 1 बजे कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद सभी जायरीन के लिए लंगर-ए-आम का आयोजन किया जाएगा।
सज्जादा नशीन और प्रबंधन
सज्जादा नशीन हज़रत सय्यद असलम मियां वामिकी जीलानी ने बताया कि उर्स की तमाम तकरीबात हुज़ूर साहिबे सज्जादा हज़रत सय्यद मोहम्मद मियां वामिकी जीलानी साहब की सरपरस्ती और सदारत में होंगी। मीडिया प्रभारी शानू अतहर वामिकी ने बताया कि उर्स के सभी प्रबंधों की जिम्मेदारी वामिकिया एजुकेशन एंड वेल्फेयर सोसाइटी को सौंपी गई है।