10 साल बाद फिर खुलने जा रही पुरानी जिला जेल, 148 करोड़ में हुआ कायाकल्प

बरेली। सिविल लाइंस स्थित ऐतिहासिक जिला जेल दस साल बाद फिर कैदियों की आवाजाही से गुलजार होने जा रही है। 148 करोड़ रुपये की लागत से जेल का पूर्ण कायाकल्प हुआ है और अब यहां 2,579 कैदियों की क्षमता वाले आधुनिक बैरक तैयार हैं।
हाल ही में सीडीओ देवयानी ने परिसर का निरीक्षण किया। इसके बाद गृह विभाग को हैंडओवर की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। हैंडओवर पूरा होते ही केसरपुर सेंट्रल जेल-2 के विचाराधीन कैदियों को यहां स्थानांतरित किया जाएगा।
दस साल पहले हुई थी शिफ्टिंग
करीब एक दशक पहले सुरक्षा कारणों से कचहरी के निकट स्थित इस जेल को केसरपुर में ले जाया गया था। तब से परिसर बंद पड़ा था। कुछ वर्ष पहले पुनर्विकास की योजना बनी, जो अब पूरी हो चुकी है।
क्षमता दोगुनी से अधिक
लोक निर्माण विभाग ने 68.15 एकड़ में फैले परिसर के लिए 172 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया था। पुरानी संरचनाएं ध्वस्त कर नए निर्माण, मरम्मत और विस्तार किया गया।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित
नई जेल में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है। बैरकों में बेहतर रोशनी, वेंटिलेशन, स्वच्छ पेयजल और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कैदियों के पुनर्वास के लिए कौशल विकास और परामर्श सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं।
हैंडओवर प्रक्रिया पूरी होते ही कैदियों का स्थानांतरण शुरू हो जाएगा। बरेली की यह जेल अब सजा के साथ-साथ सुधार का केंद्र बनेगी।






