रुहेलखंड विश्वविद्यालय: राज्यपाल ने मेधावियों को दिए स्वर्ण पदक, संतोष गंगवार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के अटल सभागार में बृहस्पतिवार को 23वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में स्नातक व परास्नातक के मेधावियों और 113 पीएचडी धारकों को सम्मानित किया गया। समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्य अतिथि आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा, अति विशिष्ट अतिथि झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने 94 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन ने मल्टीपर्पज स्टेडियम और स्वर्ण जयंती द्वार का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का सजीव प्रसारण रुहेलखंड विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर किया गया।
वंदे मातरम गायन के साथ हुई कार्यक्रम की शुरुआत
रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अटल सभागार में वंदे मातरम गायन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाईं। समारोह में 94 स्नातक व परास्नातक के मेधावियों (70 छात्राएं और 24 छात्र) और 113 पीएचडी धारकों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सम्मानित किया। स्वर्ण पदक और शोध उपाधि पाकर मेधावियों के चेहरे खिल उठे।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राजीव आहूजा ने विद्यार्थियों को देश विकास में भागीदारी देने को कहा। उन्होंने कहा कि आईआईटी इसलिए सफल है क्योंकि वहां के एल्युमिनाई सफल हैं। सभी एल्युमिनाई की जिम्मेदारी है कि देश और विश्वविद्यालय के नाम को आगे बढ़ाना है। जो आप करेंगे वह आपके व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब होगा।
निर्माण कार्यों का हुआ शिलान्यास और उद्घाटन
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसमें डिजिटल लर्निंग हब, अंतरराष्ट्रीय छात्रावास, स्वर्ण जयंती द्वार, पुरुष छात्रावास में बना स्टेडियम और प्रो. एसबी सिंह ऑडिटोरियम आदि शामिल है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रावासों को नए नाम दिए गए। अब मुख्य छात्रावास को अरावली छात्रावास, न्यू बॉयज छात्रावास को नीलगिरि छात्रावास और पीजी छात्रावास को मानसरोवर छात्रावास के नाम से जाना जाएगा।






