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उत्तरप्रदेशबरेली

अब बरेली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी-रोहिंग्या की खैर नहीं, अवैध रूप से रह रहे विदेशी भी होंगे चिह्नित

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बरेली। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या व अवैध विदेशी नागरिकों को चिह्नित करने के लिए अभियान चलाने की रणनीति बना ली है। कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार की शाम जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में कानून-व्यवस्था, बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अवैध विदेशी नागरिकों के चिन्हांकन के संबंध में बैठक की गई। इसमें अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों को चिह्नित करने के लिए अभियान चलाने और विदेशी नागरिकों का सत्यापन करने पर चर्चा की गई।

कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक में कहा गया कि पहले चरण में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के लिए स्थानों को चयन किया जाना है। संबंधित अधिकारियों को स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। बताया कि चिन्हित लोगों की सूची मंडलायुक्त और डीआईजी को भेजी जाएगी। चिह्नित किए गए लोगों को सत्यापन पूरा होने तक अस्थायी डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।
डीएम ने कहा कि कानून-व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सामंजस्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं होगी। हर उस व्यक्ति की जांच करें, जो बॉर्डर के पार से आया है और देश का नागरिक नहीं है। उन्हें चिन्हित करें, जहां कोई संदिग्ध लगे, उसकी जांच करें। यदि अवैध अप्रवासी जनपद में मिले तो उन्हें डिटेंशन सेंटरों में जरूरी सत्यापन पूरा होने तक रखा जाएगा। सत्यापन के बाद निर्धारित प्रक्रिया के तहत उसे उसके देश में वापस भेजा जाएगा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य की उपस्थिति में हुई बैठक में नगर आयुक्त संजीव मौर्य, एडीएम ई पूर्णिमा सिंह, एडीएम फाइनेंस संतोष कुमार सिंह, एडीएम सिटी सौरभ दुबे, नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री, एसपी सिटी मानुष पारीक, एसपी ट्रैफिक मो. अकमल खान, एसपी ग्रामीण, एसपी क्राइम, सभी एसडीएम, सीओ, बीडीओ, ईओ उपस्थित रहे।

इस तरह से रहने वाले लोगों की सभी बिंदुओं पर जांच होगी
एसएसपी ने बताया कि अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों को चिह्नित करने के साथ ही विदेशी नागरिकों का भी सत्यापन होगा। इसमें देखा जाएगा वह किस आधार पर यहां रह रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध है तो वह कहां का मूल निवासी है, उसकी डिटेल मांगें। सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी या टेंट लगाकर रह रहे हैं या निर्माण कार्यों व भट्टों में लगे हैं, रेलवे स्टेशनों पर या उसके आसपास रहने वाले लोगों, होटलों, धर्मशालाओं की गंभीरता से जांच करें। मकान मालिकों को भी जागरूक करें कि उनके यहां रहने वाले किरायेदारों के साथ ही घरेलू नौकरों के बारे में व्यापक जानकारी व जांच कर लें। विश्वविद्यालयों व मदरसों में रहने वाले विदेशी छात्रों की भी जांच करें।

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