मौलाना शहाबुद्दीन का अखिलेश यादव पर कटाक्ष,एसआईआर को मजहबी रंग न दें

बरेली। आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किया गया एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) कार्यक्रम पूरी तरह निष्पक्ष और प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य देशभर में मतदाता सूची को दुरुस्त करना है, न कि किसी भी प्रकार का हिन्दू–मुस्लिम विभाजन पैदा करना। मौलाना रजवी ने कहा कि निर्वाचन आयोग का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किस क्षेत्र में कितने वास्तविक मतदाता हैं, कितने लोग स्थानांतरित हो चुके हैं और किन लोगों का निधन हो गया है।
इस कार्य के लिए हजारों बीएलओ और सरकारी कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इस प्रक्रिया को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं और यह आरोप लगा रहे हैं कि मुसलमानों के वोट काटे जा रहे हैं, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार और परिपक्व नेता हर मुद्दे को धर्म के चश्मे से नहीं देखते, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं। ऐसे बयान बचकाने और गैर-जिम्मेदाराना हैं। देश का मुस्लिम एसआईआर के साथ मौलाना बरेलवी ने आगे कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिला है कि मुसलमानों ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी और सजगता के साथ एसआईआर प्रक्रिया में हिस्सा लिया। देश के अलग-अलग हिस्सों में मजदूरी करने वाले मुसलमानों ने अपने परिवारों से संपर्क कर फार्म भरवाए, बीएलओ से निरंतर संवाद रखा, कमियों को दूर किया और फार्म जमा कर उसकी रसीद सुरक्षित रखी। इतना ही नहीं, कई लोगों ने रिसीविंग कॉपी को अपने मोबाइल फोन में भी सुरक्षित किया।





