
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन की घोषणा के बाद दिहाड़ी मजदूरों के आगे संकट आ गया है। हालांकि, सरकार ने ऐसे लोगों को एक हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। अब इस संबंध में नगर निगम ने लाभार्थियों का सर्वे शुरू कर दिया है। तहसीलों और अन्य क्षेत्रों में नामित नोडल अधिकारी सर्वे कर रहे हैं।
मंगलवार को निगम के कर निर्धारण अधिकारियों और कर्मचारियों ने यह सर्वे शुरू किया। सर्वे के दौरान लोगों के नाम, उनके जीवन यापन का तरीका, उनका एकाउंट नंबर और आधार नंबर की जानकारी ली गई।
सर्वे के बाद इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद लोगों के बैंक खातों में पैसा आना शुरू हो जाएगा। कर निर्धारण अधिकारी ललितेश सक्सेना ने बताया कि नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने सभी चार जोन के टीएस को सर्वे का काम सौंपा है।
पहले दिन 372 लाभार्थियों का सर्वेक्षण किया गया। बताया कि सर्वे रिपोर्ट 15 दिन के अंदर शासन को भेजी जानी है।
इन श्रेणियों के तहत चयनित होंगे लाभार्थी
1- पंजीकृत अथवा अपंजीकृत व्यक्ति। जिनमें पटरी दुकानदार, वेंडर्स, रिक्शा, इक्का, तांगा चालक, टेंपो, आटो, ई-रिक्शा चालक, दैनिक दिहाड़ी मजदूर, मंडियों में पल्लेदारी करने वाले व ठेली चलाने वाले व अन्य दैनिक कार्य करने वाले व्यक्ति शामिल हैं।
2- उन असंगठित मजदूरों को भी लाभ दिया जाएगा जो श्रम विभाग में पंजीकृत नहीं हैं या जिनका मनरेगा कार्ड नहीं बना है।
सर्वे के समय देनी होंगी यह सूचनाएं
सर्वे के समय अभ्यर्थी को नाम, पिता का नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, राशन कार्ड संख्या, दैनिक व्यवसाय की प्रकृति का विवरण देना होगा। इसके अलावा वह पंजीकृत है या अपंजीकृत। कितने वर्ष से काम कर रहे हैं, बैंक खाता संख्या, बैंक का नाम, बैंक शाखा व आईएफएससी कोड, वर्तमान पता, स्थाई पता आदि का विवरण देना होगा।
यह होगी प्रक्रिया
विभिन्न श्रेणियों के तहत चयनित अभ्यर्थियों की सूचनाओं का संकलन नगर निगम के नामित नोडल अधिकारी करेंगे। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी सूचनाओं के संकलन के लिए जिम्मेदार होंगे।
जिलाधिकारी इन सूचनाओं को ऑनलाइन फीड करने के लिए अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी तथा तहसील स्तर पर एसडीएम को नामित करेंगे। 15 दिन में सूचनाओं को शासन की वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड करना होगा।
विवरण
Corona वायरस के कारण बन्द हो रही व्यवसायिक व आर्थिक गतिविधियों के परिपेक्ष्य के में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के अनुरूप लोकहित में निर्णय लिए गए , जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक हजार रुपये (प्रत्येक व्यक्ति) 15 लाख दिहाड़ी मजदूर और 20.37 लाख निर्माण श्रमिकों को उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में 15 लाख दिहाड़ी मजदूर पंजीकृत हैं, उन्हें 1000 रुपये की मदद देंगे। साथ ही चिन्हित 20.37 लाख मजदूरों (रिक्शा वाले, खोमचे वाले, रेहड़ी वाले, फेरी वाले, निर्माण कार्य करने वाले) को भी 1000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1 करोड़ 65 लाख 31 हजार अंत्योदय, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक और दिहाड़ी मजदूरों को एक महीने का खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा सभी पंजीकृत मजदूरों को भरण पोषण भत्ता देंगे। सीएम योगी ने मनरेगा मजदूरी को तुरंत भुगतान देने का एलान किया है। एक हजार रुपये की सहायता राशि सीधे अकाउंट में जाएगी।
खोमचे वालों को खाद्यान उपलब्ध कराएंगे। सीएम योगी ने कहा कि 1.65 करोड़ परिवारों को अनाज उपलब्ध होगा। बीपीएल परिवारों को 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल मुफ्त मिलेगा।
पीडीएस दुकानों के जरिए अनाज देंगे। अप्रैल मई की पेंशन अप्रैल में ही देंगे। सीएम योगी ने आगे कहा कि किसी भी चीज की किल्लत बाजार में नहीं होगी। सरकार के पास हर जरुरी सामान, जमाखोरी की जरुरत नहीं है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान अनावश्यक तौर पर बाजार में ना जाएं। पर्याप्त मात्रा में दवाएं और खाद्यान मौजूद हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कल यूपी में सभी मेट्रो सेवाएं बंद रहेंगी।
जनता कर्फ्यू लगाने पर कहा कि सुबह 10 बजे से 22 मार्च को ट्रेन नहीं चलेंगी। जब तक जरुरी ना हो, यात्रा ना करें। देश में कोरोना अभी दूसरी स्टेज पर है। सीएम योगी ने कहा कि अगर हम इसे यहीं रोकने में कामयाब होते हैं तो ये पूरी दुनिया के लिए एक मैसेज होगा।
इसके संक्रमण को रोकने के लिए हमारी तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। सभी जिलों के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं और पर्याप्त चिकित्साकर्मी तैनात किए गए हैं। 23 मरीज में से 9 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं
ब्यूरो रिपोट बरेली
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