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घर लौट रहे प्रत्येक प्रवासी मजदूरों को 10 लाख दुर्घटना में मृतक मजदूर के परिजन को 25 लाख की आर्थिक मदद दी जाए :- गामेंद्र सिंह गजरौलिया

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बिजनौर।
भारतीय बौद्ध संघ के जिलाध्यक गामेंद्र सिंह गजरौलिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए केंद्र व राज्य सरकार से मांग की की देश की सड़कों व रेलवे ट्रैक के माध्यम से पैदल घर वापसी करते भूखे,लाचार प्रवासी मजदूरों को तुरंत नकद भुगतान करके मदद दी जाए।
घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों की दुर्घटना में हुई मौत पर उनके परिजनों को ₹2500000 की नगद आर्थिक मदद दी जाए। दिल्ली सरकार एक पुलिसकर्मी की मौत पर उसके परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता देती है, लेकिन अपने घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों की दुर्घटना में हुई मौत पर सरकार मजदूरों के परिजनों को मात्र दो ₹400000 की मदद की घोषणा कर रही है,जो कि बहुत कम है।
गामेंद्र सिंह गजरौलिया ने आगे कहा की केंद्र सरकार अमीरों के परिजनों को विदेशों से हवाई जहाज से ला सकती है पर निर्धन गरीब मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए इनके कोई सही व्यवस्था नहीं जो कुछ सरकार ने आवागमन के साधन उपलब्ध कराएं हैं मगर वह साधन मजदूरों की संख्या को देखते हुए बहुत कम हैं।
जिला अध्यक्ष ने आगे कहा पूरी दुनिया के देशों ने अपने अपने देशों में लॉक डाउन किया लेकिन कोई मजदूर इस तरह सड़कों पर मारा मारा फिरता किसी देश में नहीं दिखा आखिर हमारे देश के मजदूर इतने बेबस कैसे हो गए की भूख प्यास की परवाह किए बगैर हजारों किलोमीटर की यात्रा पर पैदल निकल पड़े और देश की केंद्र व राज्य सरकारों ने इन्हें घर पहुंचाने की कोई सही व्यवस्था नहीं की घर लौटते मजदूरों की हालत चिंताजनक है। देश के प्रधानमंत्री घोषणा पर घोषणा कर रहे हैं लेकिन मजदूरों की समस्या हल होती नहीं दिखती मजदूरों की समस्या का एक ही हाल है कि उन्हें तुरंत नगद भुगतान देखकर मदद की जाए प्रत्येक मजदूर को 10 लाख और दुर्घटना में मृतक मजदूर के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाए।

बिजनौर से फहीम अख्तर की रिपोर्ट

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