शहर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्लान
अयोध्या की तर्ज पर पर्यटन नगरी के रूप में विकसित होगी बरेली, लिए गए सुझाव

अयोध्या की तर्ज पर ही अब बरेली का भी विकास किया जाएगा। इसके लिए बरेली विकास प्राधिकरण को शहर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्लान तैयार करना होगा। प्लान पर चर्चा और सुझाव के लिए गुरुवार को बीडीए ने बैठक की। इसमें शामिल व्यापारी, बिल्डर और मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े लोगों समेत 14 विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के सुझाव लिए गए। सरकार ने अयोध्या की तर्ज पर प्रदेश के 15 जिलों का विकास कराने का फैसला किया है। इसमें बरेली भी शामिल है। सरकार ने शहर के उद्योग, व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक कर इस पर विकास प्राधिकरणों से रिपोर्ट मांगी है। इसी संबंध में गुरुवार को बरेली विकास प्राधिकरण ने बैठक बुलाकर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से सुझाव लिए। प्लान में ऐतिहासिक धरोहरों, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के विकास पर फोकस किया जाएगा। शासन ने प्राधिकरण को कंसलटेंट नियुक्त करके डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं। समग्र रिपोर्ट 31 मई तक मांगी है।
बीडीए वीसी जोगिंदर सिंह ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर योजना क्या है और शहर के लिए इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है, इसके लिए नगर निगम, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग को मिलकर काम करना होगा, ताकि विकास के मार्ग में आने वाली बाधाओं को समय से दूर किया जा सके। कंसलटेंट को इन विभागों के साथ समय-समय पर बैठक कर डीपीआर तैयार करनी होगी। इससे पहले यह देखा जाएगा कि शहर में घूमने के लिए लोगों की पसंदीदा जगह कौन सी है। सबसे ज्यादा पर्यटक कहां आते हैं। किन स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
इसके अलावा कौन से रोड पर ज्यादा आवागमन है। इसके साथ ही उन स्थानों, इमारतों, स्थलों पर भी फोकस किया जाएगा, जिनका सौंदर्यीकरण होने पर वे लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाएं। बीडीए वीसी ने बताया कि बैठक में लोगों ने सड़कों के चौड़ीकरण, ट्रैफिक, फर्नीचर इंडस्ट्रियल पार्क समेत कई मुद्दों पर राय दी है। बैठक में क्रेडाई, आईएमए, आर्किटेक्ट, ट्रांसपोर्टर, लघु उद्योग, जरी उद्योग, होटल व्यवसाय और फर्नीचर उद्योग से जुड़े लोग मौजूद रहे।
बीडीए ने किए सौ करोड़ के भूखंड नीलाम
बरेली विकास प्राधिकरण ने गुरुवार को रामगंगानगर आवासीय योजना के विभिन्न सेक्टरों में रिक्त भूखंडों की लकी ड्रॉ के माध्यम से नीलामी की। 31 दिसंबर तक इनका पंजीकरण हुआ था। योजना में 568 लोगों ने पंजीकरण कराया था। बीडीए वीसी जोगिंदर सिंह ने बताया कि लकी ड्रॉ के माध्यम से भूखंडों की नीलामी की गई है। इससे प्राधिकरण को सौ करोड़ की आय हुई है। वीसी ने लोगों को गंगा, कावेरी और नर्मदा प्रोेजेक्ट के बारे में बताया। कहा, जल्द ही आवासीय योजना पर काम शुरू हो जाएगा। ब्यूरो रिपोर्ट लाइव भारत टीवी