पट्टा दिलाने के नाम पर ₹20,000 की रिश्वत ली, काम नहीं किया — तहसील सदर में धरने पर बैठे पीड़ित

बरेली। कोर्ट में तैनात एक प्राइवेट कर्मचारी पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पीड़ित शंकर कश्यप, आदित्य गंगवार व उनके साथियों ने आरोप लगाया है कि उक्त कर्मचारी ने पट्टा दिलाने के नाम पर ₹20,000 की रिश्वत तो ले ली, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा मामला एक सरकारी न्यायिक संस्था में तैनात प्राइवेट कर्मचारी से जुड़ा है, जिससे न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। न्याय की मांग को लेकर आज पीड़ितों ने तहसील सदर परिसर में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब न्याय दिलाने वाले ही भ्रष्टाचार में लिप्त होंगे तो आम जनता कहां जाएगी?
धरने की मुख्य मांगें:
आरोपी कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। मामले की निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए। कोर्ट परिसर में प्राइवेट कर्मचारियों की भूमिका की समीक्षा हो।
धरना स्थल पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।