बरेली में गूंजा ‘बंदी छोड़’ का जयघोष, भव्य सत्संग समारोह में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

बरेली। रविवार को बरेली के बिथरी चैनपुर स्थित कुंवर विजेंद्र पाल सिंह बारात घर में आयोजित जिला स्तरीय भव्य सत्संग समारोह में श्रद्धालु आस्था और अध्यात्म में डूबे नजर आए। यह आयोजन संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं को प्रोजेक्टर स्क्रीन के माध्यम से परमात्मा की अमृतवाणी सुनाई गई और सत्संग के जरिए सच्चे आध्यात्मिक मार्ग की ओर प्रेरित किया गया।
संत रामपाल जी महाराज के प्रवचनों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति केवल उस सर्वोच्च परमेश्वर की भक्ति से ही संभव है, जो वेदों और पवित्र ग्रंथों में वर्णित है। इस अवसर पर जिले भर से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने न केवल भक्ति का मार्ग जाना, बल्कि जीवन के उद्देश्य को भी समझा।
नाम दीक्षा में उमड़ी भीड़।
कार्यक्रम के समापन पर निःशुल्क नाम दीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आयोजकों के अनुसार, यह दीक्षा केवल आध्यात्मिक मार्ग नहीं, बल्कि एक नवजीवन का आरंभ है, जो मनुष्य को पाप, मोह और भटकाव से दूर कर सच्चे ज्ञान की ओर ले जाती है।
सत्संग: समय की सबसे बड़ी आवश्यकता ।
सत्संग में वक्ताओं ने बताया कि आज का समाज तेजी से भौतिकवाद की ओर बढ़ रहा है, जहां नैतिक मूल्य और आत्मिक शांति विलुप्त होते जा रहे हैं। ऐसे में संत रामपाल जी महाराज का सत्संग समाज को एक नई दिशा, नई सोच और सत्य का मार्ग दिखाता है। सद्विचारों का बीज सिर्फ सत्संग के माध्यम से ही बोया जा सकता है।
कार्यक्रम में शामिल श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्होंने आज उस ज्ञान को सुना, जो आत्मा की गहराइयों को छू गया। सभी ने संत रामपाल जी महाराज के संदेशों को अपनाने का संकल्प लेते हुए एक स्वर में कहा—
“बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो।”
इस सफल आयोजन ने न सिर्फ क्षेत्र में आध्यात्मिक चेतना को जागृत किया, बल्कि समाज को आत्मिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध हुआ।






