इस बार 1188 ग्राम पंचायतों में होंगे चुनाव, घट गई आबादी, बदल जाएगा आरक्षण

बरेली। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पंचायती राज विभाग ने जिलेवार कार्य योजना तैयार करनी शुरू कर दी है। इस बार बरेली में 1188 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराया जाएगा, जबकि 2020 में यह संख्या 1193 थी। पांच पंचायतें अब नगर निकाय क्षेत्र में समाहित हो चुकी हैं, जिससे पंचायतों की कुल संख्या में कमी आई है।
गांवों की आबादी घटी, बदल जाएगा आरक्षण का स्वरूप
पंचायत चुनाव से पहले हो रहे परिसीमन और जनसंख्या गणना के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में बरेली की ग्राम पंचायतों की कुल जनसंख्या 29,90,531 थी, जबकि 2022 में यह घटकर 29,79,000 रह गई है।
यानी कुल 11,531 लोगों की कमी दर्ज की गई है, जिसका सीधा असर पंचायतों के वार्ड आरक्षण पर पड़ेगा। एससी व ओबीसी वर्ग की जनसंख्या में भी गिरावट आई है, जिससे आरक्षित वार्डों की संख्या में बदलाव संभावित है।
इन ब्लॉकों की पंचायतें अब नगर निकाय में शामिल
बरेली जिले की पांच ग्राम पंचायतें अब नगर निकाय क्षेत्र में सम्मिलित कर ली गई हैं:
ब्लॉक ग्राम पंचायतें
मझगवां बेहटा जुनू, नगरिया सतन, अवादानपुर
नवाबगंज याकूबपुर, बहोरनगला
डीपीआरओ कमल किशोर के अनुसार, सबसे पहले ग्राम पंचायतों के वार्डों का परिसीमन किया जाएगा। इसके बाद नवीन आरक्षण सूची जारी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा आरक्षण अब अगले चुनाव में मान्य नहीं रहेगा।
अप्रैल 2026 में संभावित चुनाव, तीन स्तरों पर होगा मतदान
सूत्रों के मुताबिक, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल 2026 में कराए जा सकते हैं, जिनमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर प्रतिनिधियों का चुनाव होगा। इसके लिए शासन ने पंचायती राज विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
चुनाव से पहले बड़ा प्रशासनिक बदलाव संभव
पंचायती राज सूत्रों का मानना है कि कई गांवों की संख्या, क्षेत्रफल और जनसंख्या के आधार पर ग्राम प्रधानों, पंचायत सदस्यों और बीडीसी की संख्या में बदलाव होगा। खासकर मझगवां और नवाबगंज ब्लॉकों में इसकी संभावना सबसे अधिक है।
नोटबंदी जैसी स्थिति नहीं, लेकिन राजनीतिक समीकरण बदलेंगे
ग्राम पंचायतों के परिसीमन और आरक्षण में बदलाव से कई पुराने चेहरों की सीट आरक्षित हो सकती है या अनारक्षित होकर नए उम्मीदवारों को मौका दे सकती है। इससे स्थानीय राजनीति के समीकरण बदलना तय है।