महापौर उमेश गौतम बोले- धूल फांक रही रकम कब काम आएगी; विकास कार्यों में ढिलाई पर जताई नाराजगी

बरेली। नगर निगम का आठ सौ करोड़ का मूल बजट अब एक हजार करोड़ का हो गया है। इसमें सभी प्रस्तावों को नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में स्वीकृति मिल गई है। शनिवार को हुई बैठक में महापौर उमेश गौतम ने अफसरों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नगर निगम के खजाने में रकम भरी पड़ी है। धूल फांक रही है और फिर भी सड़कें टूटी हुई क्यों है? इनको ठीक कराया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को 15 दिसंबर तक हर हाल में शुरू करा दिया जाए।
हाईमास्ट लाइटों पर बिफरे महापौर बोले… कहां गई लाइटें
हाईमास्ट लाइटों के सवालों को लेकर महापौर ने कहा कि दिवाली से पहले हर वार्ड में हाईमास्ट लगाने के लिए निर्देश दिए थे। इसके बाद भी लाइटों को लगाया नहीं है। अफसरों ने जब जवाब दिया तो महापौर ने दोबारा से नाराजगी जताई और कहा कि बहानों से कुछ नहीं होगा काम से ही विकास होगा। अब समय खत्म हो गया है और हर वार्ड में 100-100 लाइटें दी जाएंगी।
’15 दिनों में धरातल पर दिखाई दे काम’
कार्यकारिणी की बैठक में तो 200 करोड़ के प्रस्ताव कुछ मिनट में ही स्वीकृत हो गए, लेकिन महापौर ने अधिकारियों को करीब एक घंटे तक आढ़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि फाइलों को बेवजह अटकना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा और नगर आयुक्त का कार्यालय आमने-सामने ही है तो फिर किसके इंतेजार में फाइलें किसकी मेज पर सोती रहती हैं। उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि बाबू 24 घंटे से अधिक फाइलें रोकेंगे तो कार्रवाई तय मानें। जनता को दिखाना है कि 24 घंटे में निगम भी काम कर सकता है और 15 दिनों यह धरातल पर दिखना भी चाहिए।
अब एक हजार करोड़ का हुआ मूल बजट
नगर निगम में हुई पुनरीक्षित बजट बैठक में 800 करोड़ का मूल बजट अब एक हजार करोड़ का हो गया है। पर्यावरण, साफ-सफाई, नाला नाली निर्माण व पार्कों के रख-रखाव को लेकर प्रस्तावित बजट स्वीकृत हुआ। इसके अलावा शहर में डस्टबिन आदि पर भी नगर निगम ने बजट बढ़ा दिया है। शेल्टर होम को लेकर नगर निगम के कार्यकारिणी ने तैयारियों करने के लिए निर्देश दिए हैं।





