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बरेली में नशे का नेक्सस ध्वस्त: खंडहर में चल रही थी करोड़ों की स्मैक फैक्ट्री, मणिपुर से आता था कच्चा माल

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बरेली। नशे के खिलाफ बरेली पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को एक गुप्त स्मैक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इज्जतनगर थाना क्षेत्र के रेलवे रोड नंबर-5 पर स्थित एक खंडहर में चल रही इस फैक्ट्री से पुलिस ने 3.526 किलो तैयार स्मैक, बड़ी मात्रा में रसायन और उपकरण, 1.46 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन और वाहन बरामद किए हैं।

इस अंतरराज्यीय तस्कर गिरोह के छह सदस्यों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दो आरोपी फरार हो गए।

बरामद माल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 3.5 करोड़ रुपये आंकी गई है।

रेलवे खंडहर में बन रही थी ज़हर की खेप

गुप्त सूचना के आधार पर एसपी सिटी मानुष पारीक के निर्देशन में पुलिस और एसओजी की टीम ने रेलवे रोड नंबर-5 स्थित खंडहर पर छापा मारा।

पुलिस जब अंदर पहुंची, तो वहां गैस सिलेंडर पर भगौना चढ़ा था, रसायनों की मिलावट हो रही थी और मशीनों से स्मैक तैयार की जा रही थी।

जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह मणिपुर से ‘मार्फिन’ नामक कच्चा माल मंगवाता था, जिसे बरेली में रासायनिक प्रक्रिया द्वारा स्मैक में बदला जाता था। फिर तैयार माल को बरेली, बदायूं, पीलीभीत और आसपास के जिलों में तस्करी के माध्यम से भेजा जाता था।

गिरफ्तार आरोपी और फरार तस्कर

गिरफ्तार आरोपी:

अकरम पुत्र बाबू – नई बस्ती, फतेहगंज पश्चिमी

आसिफ पुत्र अख्तर – वार्ड-13, फतेहगंज पश्चिमी

हारून पुत्र हबीबुल्ला – तिलियापुर, सीबीगंज

जावेद पुत्र अनीस मियां – वार्ड-09, फतेहगंज पश्चिमी

राशिद पुत्र असलम – वार्ड-07, फतेहगंज पश्चिमी

आदेश तिवारी पुत्र सत्यप्रकाश – ग्राम मनकरी, फतेहगंज पश्चिमी

फरार तस्कर:

अफजाल मुल्ला – एजाजनगर गौटिया, थाना बारादरी

उस्मान कुरैशी – मोहल्ला सराय, फतेहगंज पश्चिमी

बरामदगी का ब्यौरा

तैयार स्मैक: 3.526 किलो (बाज़ार मूल्य ₹3.5 करोड़)

नकदी: ₹1.46 लाख

मोबाइल फोन: 7

रसायन: 10 लीटर एसीटिक एनहाइड्राइड

उपकरण: गैस सिलेंडर, भगौना, प्लास्टिक बाल्टी, छलनी, चमचा, इलेक्ट्रॉनिक कांटा, लाल रंग, सोडा, कट पाउडर, बैटरी लाइट

वाहन: एक स्कूटी, एक स्विफ्ट कार

मुख्य आरोपी अकरम का कबूलनामा: “पहले भी जा चुका हूं जेल”

पूछताछ में मुख्य तस्कर अकरम ने कबूल किया कि वह पहले भी स्मैक तस्करी के आरोप में जेल जा चुका है।

वह मणिपुर से कच्चा माल मंगवाता था और उसे तैयार करके आसिफ, भूरा, आरिफ, साजन जैसे सहयोगियों के जरिए जिलों में सप्लाई करता था।

गिरोह के सदस्य मोबाइल के जरिए संपर्क में रहते और खंडहर को अस्थायी फैक्ट्री के तौर पर इस्तेमाल करते थे।

एसएसपी अनुराग आर्य ने टीम को सराहना पत्र देने की घोषणा की है और फरार तस्करों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।

बरेली पुलिस का अल्टीमेटम: नशा बेचोगे, तो जेल जाओगे

इस पूरी कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि बरेली पुलिस अब नशे के कारोबार पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है।

एसओजी व लोकल पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन से नशा कारोबारियों के हौसले पस्त हुए हैं और आगे और भी बड़ी कार्रवाइयों के संकेत मिल रहे हैं।

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