CBI बनकर साइंटिस्ट को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में फंसाया, 1.29 करोड़ की ठगी! बरेली से 4 हाईटेक ठग गिरफ्तार

बरेली। “आपका नाम हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ गया है, आपको अभी ‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ में रखा जा रहा है।”— कुछ ऐसे ही शब्दों में डराकर चार दिन तक एक रिटायर्ड साइंटिस्ट को वीडियो कॉल पर ‘कैद’ करके 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। लेकिन अब बरेली साइबर सेल और एसटीएफ लखनऊ की टीम ने इस हाई-प्रोफाइल साइबर गिरोह के चार मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़ित बना आईवीआरआई का रिटायर्ड वैज्ञानिक, वीडियो कॉल से हुई ‘डिजिटल गिरफ्तारी’
यह मामला इज्जतनगर क्षेत्र निवासी शुकदेव, रिटायर्ड साइंटिस्ट (IVRI) का है। आरोपियों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर शुकदेव को वीडियो कॉल पर चार दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और कहा कि उनका नाम अंतरराष्ट्रीय अपराधों — हवाला, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मनी लॉन्ड्रिंग — में जुड़ चुका है।
डर और भ्रम की स्थिति में उन्होंने 1.29 करोड़ रुपये किस्तों में 124 फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जांच में खुलासा: पैसा हुआ क्रिप्टोकरेंसी में तब्दील, भेजा गया विदेश
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह ऑनलाइन ठगी के बाद रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशी खातों में ट्रांसफर कर देता था। गिरोह का संचालन साउथ एशिया और मिड एशिया के साइबर अपराधियों से जुड़ा पाया गया है।
पढ़े-लिखे दिमाग, हाईटेक चालबाज — ये हैं चार गिरफ्तार आरोपी
आरोपी का नाम जिला विशेषता
सुधीर कुमार चौरसिया लखनऊ टेक्निकल प्लानर
रजनीश द्विवेदी गोंडा बैंक डिटेल एक्सपर्ट
श्याम कुमार मौर्य लखनऊ फर्जी दस्तावेज सप्लायर
महेंद्र प्रताप सिंह लखनऊ डिजिटल अकाउंट मैनेजर
चारों स्नातक हैं और तकनीकी ज्ञान के माहिर हैं। गिरोह का नेटवर्क गुजरात, केरल, एमपी, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान, यूपी सहित देशभर में फैला है।