सरकारी अभिलेख फाड़े, लेखपाल को जान से मारने की धमकी

बरेली। ग्राम दिगोई में चकबंदी कार्य कर रहे लेखपाल पर दबंगों ने जानलेवा हमला कर दिया। आरोपियों ने तमंचा सीने पर रखकर सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कराने का दबाव बनाया और अभिलेख तक फाड़ डाले। पीड़ित लेखपाल ने कोतवाली आंवला में नामजद तहरीर दी, लेकिन कार्रवाई न होने से दबंग लगातार धमकियां दे रहे हैं।
सीमांकन के दौरान दबाव, धमकी और जातिसूचक गालियां
चकबंदी लेखपाल अवधेश कुमार ने पुलिस को बताया कि वह ग्राम दिगोई में चकबंदीकर्ता ओमकार सिंह के साथ सीमांकन कार्य कर रहे थे। इस दौरान मजरा मधुपुरी निवासी फूल सिंह पुत्र नेकपाल अधिक भूमि नपवाने और रिकॉर्ड में हेरफेर कराने का दबाव बना रहा था। मना करने पर उसने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और धमकी दी कि वह एससी/एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर नौकरी से निकलवा देगा।
चार बाइकों से पहुंचे दबंग, तमंचा सीने पर रखा
24 जुलाई की शाम लेखपाल जब पैमाइश कर लौट रहे थे, तभी फूल सिंह अपने साथियों रघुबीर सिंह पुत्र खंदारी, नरदेव सिंह पुत्र चंद्रपाल और दो अज्ञात लोगों के साथ चार बाइकों पर पहुंचा। आरोप है कि उन्होंने लेखपाल को घेर लिया और तमंचा सीने पर रखकर रिकॉर्ड अपने नाम कराने का दबाव बनाया। इस दौरान फूल सिंह ने अभिलेख छीनकर आरक्षण से संबंधित पन्ना फाड़ दिया।
अगली सुबह दोबारा हमला, ग्रामीणों ने बचाई जान
अगले दिन 25 जुलाई को सुबह, लेखपाल दिगोई जा रहे थे। रास्ते में विजय शर्मा, वकील ने उन्हें बुलाया। जैसे ही वह उनके घर के पास पहुंचे, तभी फूल सिंह, रघुबीर सिंह, नरदेव सिंह और दो अज्ञात लोग पहले से घात लगाकर खड़े मिले। आरोप है कि फूल सिंह ने गालियां दीं और लेखपाल की मोटरसाइकिल की चाबी व बस्ता छीन लिया, जिसमें ग्राम दिगोई के अभिलेख C-H-21 (सिद्धांतों का विवरण पत्र) थे।
शोर सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीण संतोष, संजू, रक्षपाल, जयलाल, सुनील, सोमबीर आदि ने बीच-बचाव कर जान बचाई। भीड़ देखकर आरोपी बस्ता वहीं छोड़कर भाग गए।
कार्रवाई न होने से दबंगों के हौसले बुलंद
लेखपाल का कहना है कि उन्होंने 25 अगस्त को 50-60 ग्रामीणों व ग्राम प्रधान पति के साथ कोतवाली आंवला में तहरीर दी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण दबंग लगातार धमकियां दे रहे हैं।
हालांकि पीड़ित द्वारा दोबारा तहरीर देने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।






