बेटियाँ बनीं शक्ति की प्रतीक, मिशन शक्ति 5.0 में साइकिल रैली और सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग का जोश

बरेली। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त करने के उद्देश्य से मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत बुधवार को बरेली में शानदार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
थाना सुभाष नगर क्षेत्र के गुरु नानक खालसा इंटर कॉलेज में आयोजित सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप और साइकिल रैली ने पूरे क्षेत्र में नारी सशक्तिकरण का जोश भर दिया।
छात्राओं ने सीखी आत्मरक्षा की तकनीकें
कार्यक्रम में सैकड़ों छात्राओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे। प्रशिक्षकों रविंदर कौर और गुरप्रीत कौर ने छात्राओं को आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के व्यावहारिक तरीके सिखाए। महिला पुलिसकर्मियों ने छात्राओं को महिला सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 1098, 112, 1090 और 101 की जानकारी दी तथा सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया।
साइकिल रैली में गूंजे नारे “नारी शक्ति देश की शक्ति”
मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत सुदेश भूषण गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने IPS सोनाली मिश्रा के नेतृत्व में करीब दो किलोमीटर लंबी साइकिल रैली निकाली।रैली के दौरान छात्राओं ने “नारी शक्ति देश की शक्ति” और “बेटियाँ नहीं किसी से कम” जैसे जोशीले नारे लगाकर समाज में महिला सशक्तिकरण का सशक्त संदेश दिया।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए थाना सुभाष नगर पुलिस टीम मुस्तैद रही। टीम में थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक स्वीटी, रविंद्र सिंह, पवन सिंह, जयपाल सिंह, महिला आरक्षी अनीता, आरक्षी अंकित नागर और देवेंद्र कुमार शामिल रहे।
IPS सोनाली मिश्रा का संदेश “डरें नहीं, डटकर सामना करें”
कार्यक्रम के समापन पर IPS सोनाली मिश्रा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा“मिशन शक्ति जैसी पहलें बेटियों को न सिर्फ सुरक्षा का भरोसा देती हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाती हैं। आत्मरक्षा सीखना हर बेटी के लिए जरूरी है, क्योंकि यह उन्हें मजबूत और आत्मविश्वासी बनाता है। किसी भी संकट की स्थिति में बेटियाँ बिना डरे हेल्पलाइन नंबरों का प्रयोग करें।”
उत्साह और भागीदारी ने बढ़ाई अभियान की चमक
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छात्राओं का उत्साह और भागीदारी देखकर वातावरण महिला सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास के संदेश से सराबोर हो गया।
मिशन शक्ति 5.0 के तहत यह आयोजन बेटियों को सशक्त और जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।