विवि प्रशासन की ‘तानाशाही’ के खिलाफ ABVP का हल्ला बोल; हॉस्टल की गंदगी और अव्यवस्था पर तीखे सवाल

बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के मानसरोवर (पूर्व में पीजी) छात्रावास में चल रहीं अनियमितताओं को लेकर बुधवार शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव का घेराव किया। उन्होंने बिजली, पानी समेत सोमवार को मेस (भोजनालय) में परोसे गए भोजन में कीड़े, तार और जले हुए पराठे मिलने का मुद्दा भी उठाया। समस्याओं का समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
विवि के छात्रावासों में आए दिन आ रहीं समस्याओं को लेकर बुधवार शाम छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। एबीवीपी कार्यकर्ताओं संग विवि इकाई अध्यक्ष दीपांशु चौधरी के नेतृत्व में शाम करीब चार बजे पहुंचे सभी ने विवि प्रशासनिक भवन में जमकर नारेबाजी की। कुलसचिव हरीश चंद का घेराव करते हुए आरोप लगाया, छात्रावास में दूर दराज से आकर विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं, लेकिन विवि प्रशासन उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं उपलब्ध करवा रहा है।
चीफ वार्डन प्रो. एके सिंह और वार्ड डा. सौरभ मिश्रा पर छात्रों की समस्याओं को न सुनने का आरोप लगाया। कहा, मेस में भोजन संबंधी परेशानी हमेशा बनी रहती है। महानगर मंत्री आनंद कठेरिया ने कहा, विश्वविद्यालय स्तर से हो रही लापरवाही का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। छात्रावासों में बिजली आपूर्ति की समस्या बनी हुई है, जबकि कुलपति आवास, परीक्षा नियंत्रक आवास समेत सरकारी क्वार्टर में बिजली आपूर्ति ठीक रहती है। विवि की तानाशाही से छात्र तनाव में हैं।
छात्रावास से निकालने की देते हैं धमकी
प्रदर्शन में शामिल विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि मेस के भोजन की शिकायत करने पर वार्डन छात्रावास से बाहर निकालने की धमकी देते हैं। ओवरहेड टैंक की भी सफाई न होने से उसमें काई जमा चुकी है। बीडीए छात्रावास में भी अनियमितताएं हावी हैं। छतों पर लगे टैंक के ढक्कन तक गायब हो चुके हैं, जिन्हें ठीक नहीं कराया जा रहा है। इस दौरान विभाग संगठन मंत्री अवनी यादव, विभाग सह संयोजक श्रेयांश वाजपेयी, अमृतांश केसरवानी, लकी शर्मा, शिवम, आयुष, अनमोल चौधरी आदि उपस्थित रहे।
छात्रावास से जुुड़ी बिजली, पानी और भोजन की समस्याओं को लेकर विद्यार्थी मिलने आए थे। उनकी परेशानी का समाधान किया जा रहा है। इसमें मेस संचालक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं, व्यवस्थाओं में सुधार के लिए चीफ वार्डन को पत्र भेजा गया है।
– हरीश चंद, कुलसचिव, रुहेलखंड विश्वविद्यालय






